सत्य खबर, नई दिल्ली
इंडोनेशिया की मौजूदा राजधानी जकार्ता के डूबने का खतरा बढ़ता जा रहा है, इसके साथ ही, यह काफी प्रदूषित हो चुका है. इसीलिए यहां की संसद (Indonesia Parliament) ने देश की नई राजधानी बनाने वाले कानून (New Capital Bill) को मंजूरी दे दी है. नई राजधानी बनाने के बारे में कहा गया है कि जकार्ता में बार-बार बाढ़ आती है और शहर अक्सर डूब जाता है. इस वजह से सरकार के कामकाज पर भी असर पड़ता है. मंगलवार को देश की संसद ने राष्ट्रीय राजधानी बिल को अपनी मंजूरी दे दी है. इस बिल के पास होने के बाद अब इंडोनेशिया की नई राजधानी नुसंतारा होगी, जो बोर्नियो द्वीप के हिस्से में मौजूद पूर्वी कालीमंतन में स्थित है.
नई राजधानी बनाने में खर्च होंगे 32 अरब डॉलर
इंडोनेशिया की संसद में नई राजधानी बनाने वाले बिल में बताया गया है कि नई राजधानी बनाने के लिए करीब 32 अरब डॉलर खर्च होंगे.इसे किस तरह से खर्च किया जाएगा, इस बारे में भी बताया जाए. इंडोनेशिया के प्रधानमंत्री सुहार्सो मोनॉर्फा ने कहा कि नई राजधानी इस देश की नई पहचान होगी. उन्होंने कहा, ‘नई राजधानी का मुख्य मकसद होगा कि यह आर्थिक तरक्की का केंद्र भी बनेगी. उन्होंने बताया कि’ मौजूदा राजधानी जकार्ता बेहद घनी आबादी वाला शहर हो चुका है और इससे वहां मूलभूत सुविधाओं पर जरूरत से ज्यादा बोझ पड़ रहा है.
क्यों बनानी पड़ी नई राजधानी
इंडोनेशिया की राजधानी की कई विशेषताएंं होंगी. जकार्ता के बारे में कहा गया है कि यह समुद्र के पास है और इसके बाढ़ में डूबने का खतरा हमेशा बना रहता है. एक रिपोर्ट में इसे दुनिया का सबसे तेजी से डूबता शहर भी बताया गया है. नई राजधानी जावा की सबसे अधिक आबादी वाले द्वीप पर होगी. इस द्वीप का नाम बोर्नियो है, जो एशिया का सबसे बड़ा द्वीप है.
क्या है नुसंतारा की खूबी
बताया जाता है नुसंतारा के अलग-अलग हिस्से मलेशिया, ब्रूनेई और इंडोनेशिया के कब्जे में हैं. दुनिया की सबसे अधिक मुस्लिम आबादी वाले इंडोनेशिया की नई राजधानी ‘नुसंतारा’ का नाता हिंदू धर्म से सदियों पुराना है. नुसंतारा का अर्थ होता है द्वीपों का समूह. इस द्वीप ने 14वीं सदी में जावा द्वीप पर शासन करने वाले मजापहित साम्राज्य के दौर में आकार लिया था.
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