हरियाणा

तरावडी मंडी में हुई 92385 मीट्रिक टन गेहूं की आवक

फसल कटाई के बाद अवशेषों को न जलाएं किसान :- गौरव आर्य

सत्यखबर, तरावड़ी (रोहित) – तरावड़ी की ऐतिहासिक अनाज मंडी में गेहूं की आवक जोरों पर है। रोजाना किसान मंडी में अपनी फसल लेकर आ रहे हैं। मंडी में किसानों के साथ-साथ आढ़तियों को कोई परेशानी न आए। इसके लिए मार्किट कमेटी तरावड़ी पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। इधर आढ़ती एसोसिएशन तरावड़ी भी किसानों की समस्याओं के निदान के लिए प्रयासरत है। मंडी में गेहूं की आवक जोरों पर है। चालू सीजन में किसानों की फसल बिक रही है। खाद्य एवं आपूर्ति विभाग व हैफेड द्वारा गेहूं को उचित मूल्य पर खरीदा जा रहा है। जानकारी देते हुए तरावड़ी मार्किट कमेटी के सचिव गौरव आर्य ने बताया कि तरावड़ी अनाज मंडी में चालू सीजन में अब तक 92385 मीट्रिक टन गेहूं की आवक हुई। जिसमें से खाद्य एवं आपूर्ति विभाग द्वारा 72285 मीट्रिक टन तथा हैफेड द्वारा 20100 मीट्रिक टन खरीदा गया। उन्होंने बताया कि मंडी गेहूं से पूरी अटी हुई है। किसानों एवं आढ़तियों के लिए मंडी में पीने के पानी के साथ-साथ शौचाल्यों की पूरी व्यवस्था की गई है। मार्किट कमेटी के सचिव गौरव आर्य ने कहा कि खेत में गेहूं की कटाई के बाद,अवशेषों को ना जलाएं। इससे प्रदूषण फैलता है जो हानिकारक है। खेतों में आग लगाने से मित्र कीड़े नष्ट हो जाते हैं तथा भूमि की उर्वरा शक्ति खत्म हो जाती है।

फसलों को सूखाकर मंडियों में लाएं किसान – गर्ग
इधर आढ़ती एसोसिएशन तरावड़ी के अध्यक्ष राधेश्याग गर्ग व पूर्व अध्यक्ष घनश्यामदास गर्ग ने बताया कि मंडी में गेहूं बिकने की प्रक्रिया सुचारू रूप से चल रही है। उन्होंने किसानों का आह्वान किया कि वह अपनी फसल को सुखाकर मंडियों में लाए ताकि उन्हें किसी प्रकार की दिक्कत ना हो। उन्होने कहा कि आढ़ती एसोसिएशन तरावड़ी किसानों एवं आढ़तियों की समस्याओं के निदान के लिए प्रयासरत है। मंडी में आढ़तियों एवं किसानों को किसी भी प्रकार की दिक्कत नही आने दी जाऐगी। आढ़ती एसोसिएशन तरावड़ी के अध्यक्ष राधेश्याग गर्ग व पूर्व अध्यक्ष घनश्यामदास गर्ग ने बताया कि तरावड़ी मंडी के आढ़ती भाईचारे को कायम रखते हुए मंडी का काम सुचारू रूप से चला रहे हैं। इस अवसर पर राधेश्याम गर्ग, घनश्यामदास गर्ग, सुभाष गुप्ता, गौरव गर्ग, रामपाल लाठर, रणजीत भारद्वाज, रमेश शर्मा, सुभाष गाबा, मनोज चौधरी, राकेश हंस समेत कई आढ़ती मौजूद रहे।

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