संबंधित ठेकेदारों व अफसरों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया जाए: राजकुमार गोयल
सत्य खबर जींद, महाबीर मित्तल: रोहतक रोड़ पर दर्जनों स्थानों पर धरती फटने जैसी बडी लापरवाही पर जीन्द विकास संगठन ने मुख्यमंत्री से तुरंत हस्तक्षेप करते हुए रोहतक रोड़ का तुरंत दौरा किए जाने की मांग की है। इसके साथ साथ संगठन ने मुख्यमंत्री से मांग की है कि इस पूरे मामले की जांच किसी स्वतंत्र एजेन्सी से करवाई जाए। सभी संबंधित ठेकेदारों व अफसरों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया जाए। साथ ही उन्हें सस्पेंड भी किया जाए। धंसी सड़कंों से कोई हादसा न हो जाए ऐसे में रोहतक रोड़ पर टेऊफिक पुलिस नियुक्त की जाए। जीन्द विकास संगठन के अध्यक्ष राजकुमार गोयल का कहना है कि रोहतक रोड़ पर दर्जनों स्थानों पर सड़कें इतनी गहरी धंस गई है कि जैसे धरती फटती है। इतनी बड़ी लापरवाही सामने आई है लेकिन अभी तक प्रशासन ने कोई भी कार्रवाई नहीं की। अभी तक तो दर्जनों ठेकेदारों और अफसरों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर उन्हें सस्पेड कर दिया जाना चाहिए था लेकिन प्रशासन हाथ पर हाथ रख कर बैठा है और संबंधित विभाग एक दुसरे पर आरोप लगाकर मामले को रफा दफा करने की कोशिश कर रहे हैं।
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राजकुमार गोयल का कहना है कि चुने हुए नुमाईदों और प्रशासन के लिए बडे शर्म की बात है कि 3 साल से जिस रोहतक रोड़ को बनाने की गुहार की जा रही थी वह रोड़ बनने के साथ ही धंसना शुरू हो गया और धंसा भी ऐसे जैसे धरती फटती है। मात्र ढेड किलोमीटर लम्बी यह सड़क एक ही बरसात में दर्जनों स्थानों से धंस गई और वह भी 20-25 फुट गहरी। गोयल का कहना है कि यह कोई छोटी लापरवाही नहीं है। गजब की बात है कि इतनी बडी लापरवाही पर भी प्रशासन द्वारा अभी तक संबंधित अधिकारियों व ठेकेदारों के खिलाफ कोई भी कार्रवाई नही की गई है। गोयल का कहना है कि जब इस रोड़ के नीचे से अमरूत योजना दबी थी तभी जीन्द विकास संगठन ने प्रशासन को आगाह कर दिया था कि रात के अन्धेरे में एक जेसीबी के ड्राईवर और कुछ मजदूरों द्वारा ही इस योजना को अमलीजामा पहनाया जा रहा है। मौके पर कोई भी टेकेनिकल अधिकारी या कर्मचारी नहीं होता। दिन की बजाय रात को जब सारा शहर सो जाता है तब इस योजना को अंजाम दिया जाता है ताकि कोई इन्हें देख न सके। जीन्द विकास संगठन के पदाधिकारियों ने रात को कई कई घण्टे खंड़े होकर देखा तो यह सच्चाई सामने आई थी। इस मामले में प्रशासन से जांच की मांग की गई थी लेकिन प्रशासन ने कोई भी जांच नही करवाई। अगर प्रशासन समय रहते अमरूत योजना कि जांच करवा देता तो सड़क बनने के बाद इतनी बड़ी नौबत नहीं आती।
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गोयल ने इतनी बड़ी लापरवाही पर प्रदेश के मुख्यमंत्री मनोहर लाल से हस्तक्षेप करते हुए जीन्द की इस सड़क का तुरंत दौरा करने की मांग की है कि ताकि इन्हें पता चल सके कि कितनी बडी लापरवाही जीन्द के विभागों ने की है। गोयल ने साथ ही मुख्यमंत्री से यह मांग भी की है कि इस पूरे मामले की जांच किसी स्वतंत्र एजेंसी से कराई जाए और साथ ही जब तक जांच पूरी नहीं होती तब तक सभी संबंधित ठेकेदारों व अफसरों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर सबको सस्पेंड किया जाए। जहां जहां सड़कें धंसी है उनसे कोई सड़क हादसा न हो जाए ऐसे में इस रोड़ पर तुरंत प्रभाव से ट्रेफिक पुलिस का इंतजाम किया जाए।
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