सत्यखबर हरियाणा (अशोक छाबड़ा) – एनडीपीएस के एक मामले में अफ्रीका निवासी आरोपी को नीग्रो लिखने पर पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने पंजाब पुलिस को जमकर फटकार लगाई। हाईकोर्ट ने कहा कि महात्मा गांधी ने रंगभेद के खिलाफ दो दशक लड़ाई लड़ी। ऐसे में दस्तावेजों में अफ्रीका निवासी व्यक्ति को नीग्रो लिखना भारत को शर्मसार करने वाला है। एनडीपीएस के एक मामले में सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने कहा कि नीग्रो शब्द दुनिया भर में अमर्यादित माना जाता है।
इस शब्द का दस्तावेजों में इस्तेमाल करना देश को शर्मसार करने वाला है। यह सोच ऐसी है कि जैसे हर काला व्यक्ति ड्रग स्मगलर है। यह बिल्कुल घटिया सोच है। हाईकोर्ट ने कहा कि रंग का अपराध से कोई लेना देना नहीं होता। जांच अधिकारी यह सुनिश्चित करें कि रंग के आधार पर भेदभाव न हो। जस्टिस राजीव नारायण रैना ने पंजाब के डीजीपी को इस बारे में एक्शन की रिपोर्ट सौंपने के आदेश दिए हैं। साथ ही यह सुनिश्चित करने के आदेश दिए हैं कि एफआईआर या चालान में रंग पर आधारित शब्दों का इस्तेमाल पुलिस न करे।
रंग के आधार पर टिप्पणी करने का अधिकार नहीं
हाईकोर्ट ने कहा कि जब अफ्रीका निवासी भारत आते हैं तो वे देश के मेहमान होते हैं। अतिथि सत्कार की परंपरा को हमें भूलना नहीं चाहिए। आजाद भारत के नागरिक के तौर पर हमें सम्मान से जीने का अधिकार है, लेकिन हमें किसी को उसके रंग के आधार पर टिप्पणी करने का अधिकार नहीं है। गुलामी के बाद मिली आजादी के दौर में हमें किसी को काला कहने का हक नहीं मिल जाता।
यह अपने आप में एक अलग मामला है जिसमें हाईकोर्ट ने इस प्रकार के आदेश जारी किए हैं। अक्सर पंजाब पुलिस एनडीपीएस के मामलों में दर्ज एफआईआर में अफ्रीकन नागरिकों को नीग्रो शब्द से संबोधित करती है। हाईकोर्ट के इस आदेश के बाद अब इस प्रकार का संबोधन नहीं किया जाएगा और अफ्रीकन नागरिकों को उनके देश के साथ जोड़कर दस्तावेजों में दर्ज किया जाएगा।
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