सत्यखबर, दिल्ली
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तरफ से कृषि कानूनों को निरस्त करने की घोषणा के तुरंत बाद सिंघू बॉर्डर प्रदर्शन स्थल पर स्थल पर जश्न शुरू हो गया, लेकिन कुछ किसानों ने कहा कि जब तक संसद विधेयकों को रद्द नहीं कर देती और उनकी अन्य मांगों को पूरा नहीं कर लेती, तब तक आंदोलन जारी रहेगा.
पीएम मोदी की घोषणा के बाद शुक्रवार को सिंघू बार्डर पर करीब एक साल से डेरा डाले किसान ट्रैक्टरों पर लगे म्यूजिक सिस्टम की धुनों पर डांस कर और मिठाइयां बांटकर खुशी से झूम उठे. हालांकि, आंदोलनकारियों ने जोर देकर कहा है कि लड़ाई अभी खत्म नहीं हुई है और विरोध स्थल, जो एक साल के लिए उनके घर में बदल गए हैं, उन्हें खाली नहीं किया जाएगा.
उन्होंने कहा, ”देर आए दुरुस्त आए. हम जानते थे कि कानून निरस्त करने का फैसला बाबाजी की कृपा से आएगा और यह गुरु पूरब पर आया है. हम पर गुरु नानक देव जी की कृपा है.”
‘खत्म नहीं हुआ संघर्ष’
हरदीप सिंह नाम के प्रदर्शनकारी ने कहा, ”संघर्ष अभी खत्म नहीं हुआ है. कानूनों को निरस्त करने के प्रभाव में आने तक विरोध जारी रहेगा.”
होशियारपुर के दलेर सिंह ने कहा, “कानूनों को निरस्त करने के बारे में खबर बहुत संतोषजनक है. हालांकि, सरकार को विरोध के दौरान अपनी जान गंवाने वाले 750 किसानों के परिवार के सदस्यों के बारे में भी सोचना चाहिए. सरकार को मुआवजा देना चाहिए और उनके परिवार के सदस्यों में से एक को नौकरी.”
राकेश टिकैत ने क्या कहा?
इससे पहले किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा था कि, ‘पीएम मोदी पहले संसद में जाएं और जो भी कार्यवाही है (कृषि कानून वापस लेने की) उसको पूरा करें. आज संयुक्त किसान मौर्चा की बैठक है, उसमें सारी चीजे तय होगीं. हमारी एक कमेटी बनेगी जो अलग-अलग मुद्दों पर भारत सरकार से बात करेगी.’
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टिकैट ने कहा, ‘सरकार MSP की गारंटी भी दे, क्योंकि किसानों की MSP पर कोई खरीद नहीं होती.’ टिकैट ने किसानों से कहा, ‘किसानों को अभी खुशियां मनाने की जरूरत नहीं है, यह संघर्ष अभी जारी रहेगा.’
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