सत्य खबर, चंडीगढ़ । हरियाणा में ई-टेंडरिंग पर सरपंचों के विरोध को लेकर सरकार सख्त हो गई है। विरोध करने वाले सरपंचों की जगह पंचों को मुखिया की कमान देने की सरकार तैयारी कर रही है। जिन पंचायतों में मेजोरिटी की स्थिति है वहां पंचों को सरकार पावर देने की योजना बना रही है। यह बात पंचायत मंत्री देवेंद्र बबली ने कही।
पंचों से मेजोरिटी हासिल करने की अपील
पंचायत मंत्री देवेंद्र सिंह बबली ने विरोध कर रहे सरपंचों को दो टूक में कहा है कि यदि सरपंच अपने काम पर नहीं लौटे और विरोध बंद नहीं किया तो प्रस्ताव पारित कर मेजोरिटी वाले पंचों को सरकार सरपंचों की पावर दे देगी। इसके बाद आगे से पंच ही गांवों में विकास संबंधी काम कराएंगे। उन्होंने गांवों के पंचों से अपील की है कि वह मेजोरिटी साबित कर गांवों में विकास कामों को सुचारु करवाएं।
सरपंचों को सिहाग उकसा रहे
हरियाणा के पंचायत मंत्री देवेंद्र बबली ने कहा है कि सरपंचों को समझाने की जगह जोगीराम सिहाग उन्हें उकसाने का काम कर रहे हैं। बबली ने कहा कि हमने ईमानदारी की स्प्रे छिड़कनी शुरू कर दी है, इससे हम करप्शन की दीमक का पूरी तरह से सफाया कर देंगे। उन्होंने कहा कि जो सरपंच नहीं माने उन्हें हटाकर सारे अधिकार पंचों को देकर भी हरियाणा सरकार पंचायतें चलवा सकती है।
सरपंच कर चुके आंदोलन का ऐलान
हरियाणा में ई-टेंडरिंग पर सरपंचों ने बड़े प्रदर्शन की तैयारी कर रहे हैं। सरपंच एसोसिएशन ऑफ हरियाणा ने इसके विरोध में 20 फरवरी को प्रदेश भर में जुलूस निकालने की चेतावनी जारी की है। साथ ही 1 मार्च को CM आवास घेरने का ऐलान किया है। सरपंच एसोसिएशन ने ई-टेंडरिंग में परिवार पहचान पत्र (PPP) को आवश्यक करने के फैसले पर भी कड़ी आपत्ति जताई है। एसोसिएशन के अध्यक्ष रणबीर समैन ने कहा कि राइट टू रिकॉल का नियम आम आदमी पर नहीं, सबसे पहले तो सांसदों और विधायकों पर लागू होना चाहिए।
इन बिंदुओं का सरपंच कर रहे विरोध
– दो लाख रुपए से अधिक के काम ई-टेंडर से होंगे।
– SDO देंगे 25 लाख रुपए तक के कामों की मंजूरी।
– 25 लाख से 1 करोड़ तक के काम की एक्सईएन स्तर पर मंजूरी।
– 1 से ढाई करोड़ तक के कार्यों की तकनीकी मंजूरी अधीक्षण अभियंता देंगे।
– ई टेंडरिंग में परिवार पहचान पत्र को अनिवार्य किए जाने पर सरपंचों को आपत्ति।
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