धर्म और आस्था का अटूट गठजोड़ है कांवड़ यात्रा – बचन सिंह आर्य
सत्यखबर सफीदों (महाबीर मित्तल) – कांवड यात्रा धर्म और आस्था का अटूट गठजोड़ है। यह बात पूर्व मंत्री एवं भाजपा नेता बचन सिंह आर्य ने कही। वे उपमंडल के रजाना कलां के पास भुतेश्वर कांवड़ सेवा संघ द्वारा संचालित कांवड शिविर में श्रद्धालुओं को संबोधित कर रहे थे। इस मौके पर कांवड सेवा संघ के पदाधिकारियों ने बचन सिंह आर्य का अभिनंदन किया। वहीं बचन सिंह आर्य ने हरिद्वार से कांवड लेकर आ रहे शिवभक्तों का स्वागत करते हुए उनका आशीर्वाद ग्रहण किया।
अपने संबोधन में बचन सिंह आर्य ने कहा कि श्रावण मास के हर एक दिन में एक नया सवेरा दिखाता इसके साथ जुड़े समस्त दिन धार्मिक रंग और आस्था में डूबे होते हैं। इस माह में शिवभक्त कठिन तपस्या करते हुए हरिद्वार से गंगाजल लाकर शिव मंदिरों भगवान शिव का जलाभिषेक करते हैं। एक मान्यता के अनुसार जब देवों ओर राक्षसों ने मिलकर अमृत प्राप्ति के लिए सागर मंथन किया तो उस मंथन समय समुद्र में से अनेक पदार्थ उत्पन्न हुए और अमृत कलश से पूर्व कालकूट विष भी निकला।
विष की भयंकर ज्वाला से समस्त ब्रह्माण्ड जलने लगा इस संकट से व्यथित समस्त जन भगवान शिव के पास पहुंचे और उनके समक्ष प्रार्थना करने लगे, तब सभी की प्रार्थना पर भगवान शिव ने सृष्टि को बचाने हेतु उस विष को अपने कंठ में उतार लिया और उसे वहीं अपने कंठ में अवरूद्ध कर लिया, जिससे उनका कंठ नीला हो गया। मान्यता है कि वह समय श्रावण मास का समय था और उस तपन को शांत करने हेतु देवताओं ने गंगाजल से भगवान शिव का पूजन व जलाभिषेक आरंभ किया।
शिव का जलाभिषेक करके समस्त भक्त उनकी कृपा को पाते हैं और उन्हीं के रस में विभोर होकर जीवन के अमृत को अपने भीतर प्रवाहित करने का प्रयास करते हैं। इस मौके पर मुख्य रूप से प्रधान सुरेश बंसल, मोनु मित्तल, रामु, सुन्दर, राम, नंदकपूर रजाना, अमित व सुनील सहित काफी तादाद में लोग मौजूद थे।