सत्यखबर, हिसार
आपको बता दे की धान की फसल कटते ही किसान पराली जलाने लगे हैं। मुख्य सचिव के आदेश के बावजूद प्रदेश के विभिन्न जिलों में पराली की आग रुकने का नाम ही नहीं ले रही है। अभी सीजन को शुरू हुए छह दिन ही बीते हैं कि हर दिन पहले के मुकाबले आग के अधिक मामले मिल रहे हैं। मंगलवार तक जहां 120 स्थानों पर आग पाई गई थी, वह महज एक दिन में बढ़कर 175 तक पहुंच गई है। बुधवार को प्रदेश में 55 स्थानों पर आग सेटेलाइट में कैद हुई है। ऐसे में यह आंकड़ा इसी प्रकार बढ़ता रहा तो इस बात से गुरेज नहीं किया जा सकता कि अक्टूबर व नवंबर में हालात बद से बदत्तर हो जाएं। इसको लेकर अभी ही सरकार को सख्त कदम उठाने की आवश्यकता है।हरियाणा और पंजाब में धान की पराली जलाने का मामला इतना बड़ा है कि दिल्ली जैसे पड़ोसी राज्यों की सरकारें हमेशा इसको लेकर दोनों ही राज्यों को निशाने पर रखती हैं।
अब कोरोना काल के दौरान यह मामला और भी गंभीर हो चला है। क्योंकि अगर हरियाणा और पंजाब में पराली का असर दिल्ली के लोगों को झेलना पड़ा तो यह मानिए कि इस बार सियासत गर्म होगी। इसलिए नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल, हाईकोर्ट भी इस बार निगाह रखे हुए है। इसलिए यह मामला इस बार प्रदेश सरकार के लिए काफी बड़ी चुनौती दे सकता है।
https://www.youtube.com/watch?v=s8jObuV87iI
बता दे कीधान की फसल की कटाई के बाद उसके अवशेषों को जलाने के मामलों को देखते हुए हिसार प्रशासन ने अभी से ही गंभीर रुख अपना लिया है। जिलाधीश डॉ. प्रियंका सोनी ने भारतीय दंड प्रक्रिया नियमावाली 1976 के तहत धारा 144 लगाए जाने के आदेश दिए हैं। इन आदेशों की अवहेलना में कोई व्यक्ति दोषी पाया जाता है तो वह भारतीय दंड प्रक्रिया की धारा 188 सपंठित वायु एवं प्रदूषण नियंत्रण अधिनियम, 1981 के तहत दंड का भागी होगा।
Aluminium scrap value maximization Aluminum scrap inventory management Scrap metal market intelligence
Metal waste melting Ferrous material inventory tracking Iron scrap processing
Ferrous material habitat protection, Scrap iron reclamation center, Metal recovery processing