सफीदों, (महाबीर मित्तल)
उपमंडल के गांव जयपुर में गुरू रविदास महाराज का 644वां जन्मोत्सव धूमधाम से मनाया गया। इस जन्मोत्सव कार्यक्रम की अध्यक्षता संत धनपत दास व संत सुरेंद्र दास ने की। अपने संबोधन में संत धनपत दास महाराज ने कहा कि गुरू रविदास का मानना था कि इंसान जाति ओर धर्म से नहीं जाना जाता बल्कि इंसान तो उसके कर्मों से पहचाना जाता है। संत रविदास की शिक्षाएं व उनका प्रेम, सच्चाई और धार्मिक सौहार्द का पावन संदेश हर दौर में प्रासंगिक है।
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गुरु रविदास का कार्य न्यायसंगत और समतावादी समाज के लिए प्रेरणा का स्रोत है। गुरू रविदास एक महान संत, दर्शनशास्त्री, कवि, समाज-सुधारक और ईश्वर के अनुयायी थे। ईश्वर के प्रति अपने असीम प्यार और अपने चाहने वाले, अनुयायी, सामुदायिक और सामाजिक लोगों में सुधार के लिये अपने महान कविता लेखनों के जरिये संत रविदास ने विविध प्रकार की आध्यात्मिक और सामाजिक संदेश दिये। उन्होंने लोगों से आह्वान किया कि वे गुरू रविदास के जीवन चरित्र से प्रेरणा लेकर अपने जीवन को आगे बढ़ाए। इस मौके पर बसपा प्रदेशाध्यक्ष गुरमुख सिंह, प्रदेश महासचिव सुमेर जांगड़ा व पूर्व प्रदेश प्रभारी डा. अनिल रंगा के अलावा मा. जिले सिंह, मा. धर्मबीर भुक्कल, मा. रामदास कर्णवाल, सुखदेव मेहरा, जयदीप सिंहमार, रवि नागर व विजय मौजूद थे।
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