सत्यखबर, नरवाना (सन्दीप श्योरान) :-
प्रदेश की मंडियों में 20 अप्रैल से गेहूं की खरीद होनी शुरू हो गई है। लेकिन आढ़तियों की हड़ताल होने के कारण गेहूं की खरीद करने में प्रशासन के पसीने छूटते नजर आ रहे हैं। किसान गेहूं की फसल को ट्रालियों में भरकर मंडियों में ले तो आता है और गेट पास भी कटवा लेता है। परंतु आढ़ती किसान को अपने पक्ष में करने के लिए उसको लेकर जाता है, जिससे किसान भी असमंजस की स्थिति में आ जाता है कि फसल सरकार को सीधे बेचे या आढ़ती को बेचे। किसान के घर गेहूं को रखने की जगह नहीं है और आढ़ती किसान को मंडी में लाने से रोक रहे हैं। एसडीएम जयदीप कुमार और सचिव जोगेंद्र सिंह सरकार के निर्देशानुसार हर मंडी का जायजा ले रहे हैं और किसान से समस्या पूछ रहे हैं। ताकि उनकी समस्या को हल किया जा सके। सोमवार को हैफेड एंजेसी का गेहूं की खरीद करने का दिन था, जहां हैफेड ने खरल मंडी में 460 क्विंटल, दनौदा में 260 क्विंटल, नरवाना मंडी मेें 40 क्ंिवटल की खरीद की है। फरैण में अभी हैफेड ने खरीद शुरू नहीं की है।
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गेहूं खरीदने के लिए लेबर की आ रही है समस्या
मंडियों में गेहूं की खरीद तो शुरू हो चुकी है, लेकिन उनको तोलने व बोरियों में भरने के लिए लेबर की समस्या आ रही है। जिस कारण फसल को तोलने में देरी अवश्य हो रही है। प्रशासन लेबर की समस्या को दूर करने के लिए मनरेगा मजदूरों के सहारे काम चला रहा है, लेकिन उनके सहारे ज्यादा दिन नहीं काम चल सकता। यह बात प्रशासन को भी पता है। फिर भी प्रशासन लेबर की समस्या को दूर करने के लिए प्रयासरत है।
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नरवाना की मंडियों में गेहूं की खरीद करने के सारे इंतजाम किये हुए हैं। किसानों में सोशल डिस्टेंस बनाये रखने के लिए 50-50 किसानों को ही मंडियों में आने दिया जा रहा है। एजेंसियों को भी गेहूं की खरीद करने के निर्देंश दिये हैं, जो एजेंसी गेहूं की खरीद नहीं करेगी, उनको नोटिस दिया जायेगा।
जयदीप कुमार, एसडीएम
नरवाना।
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