सत्य खबर जींद, महाबीर मित्तल: नागरिक अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में निर्जन गांव में एक झगड़े में घायल होकर पहुंचे मरीजों के उपचार में चिकित्सकों ने बड़ी लापरवाही की। यहां तैनात चिकित्सकों ने तीन घंटे तक मरीजों का कोई उपचार नहीं किया और कहा था कि इनको मामूली चोट हैं। पीजीआई रोहतक में इनमें से दो की हड्डिया टूटी हुई मिली। हड्डियां टूटने के कारण ही मरीज तीन घंटे तक कहराते रहे लेकिन इमरजेंसी में तैनात चिकित्सकों का दिल नहीं पसीजा।
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बताते चलें कि 29 अगस्त शाम को लगभग छह बजे गांव रामकली निवासी दीपक, मनजीत व जोगेंद्र को घायल अवस्था में नागरिक अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में दाखिल करवाया गया था। यह लोग निर्जन गांव में हुए एक झगड़े में घायल हो गए थे। रात नौ बजे तक यह लोग दर्द से कहराते रहे लेकिन यहां तैनात चिकित्सकों ने इनका कोई उपचार नहीं किया और कहा कि इनको मामूली चोटें आई हैं। साढ़े आठ बजे डिप्टी सिविल सर्जन डॉ. राजेश भोला इमरजेंसी वार्ड में पहुंचे और ड्यूटी पर तैनात चिकित्सकों को इलाज नहीं करने पर फटकार लगाई। इसके बाद दोनों चिकित्सक ड्यूटी छोड़कर इमरजेंसी वार्ड से चले गए। इसके बाद डॉ. राजेश भोला ने मरीजों को संभाला तथा उनका उपचार शुरू किया। इसके बाद तीनों मरीज सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र जुलाना में चले गए। यहां से दीपक व मनजीत को पीजीआई रोहतक रेफर कर दिया। पीजीआई रोहतक में उपचार के दौरान सामने आया कि दीपक की उंगली टूटी हुई है जबकि मनजीत की दो जगह से बाजू टूटी हुई है। इससे साफ है कि इमरजेंसी वार्ड में तैनात चिकित्सकों को मरीजों के इलाज से कोई लेनादेना नहीं है। हड्डियां टूटने के कारण ही मरीज दर्द से चिल्ला रहे थे लेकिन यहां तैनात चिकित्सकों का दिल नहीं पसीजा। घायलों के तीमारदार अनिल कुमार ने कहा कि इस बारे में वह चिकित्सकों के खिलाफ एक अन्य शिकायत भी देंगे ताकि भविष्य में किसी अन्य मरीज के साथ ऐसा नहीं हो।
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