नामी ब्रांड के नाम से बेच दिया मिश्रित बीज, हुआ नुकसान
सत्यखबर सफीदों (महाबीर मित्तल) – धान के बीज मे हेराफेरी से सफीदों उपमण्डल के अनेक किसानों को भारी नुकसान हो गया है और यह ऐसी स्थिति है जिसमें हेराफेरी का पता भी तब चला जब धान की फसल पर पूरा खर्च हो चुका। गांव मुआना के सोमपाल ने बताया कि उसके गांव के कई किसानों ने 1509 किश्म के धान का नामी कंपनी का बीज स्थानीय बाजार के एक दुकानदार से लिया था। उसने बताया कि इसकी बिजाई उन्होंने की और बताया कि जब तक धान का निसार नहीं होता तब तक पता नहीं चलता, अब जब धान मे बल्लियां आई तो पता चला कि इसमें काफी मात्रा मे धान की पूसा 1121 के पौधे हैं।
यही शिकायत इस गांव के औमप्रकाश की भी है जिसने दस एकड़ मे ऐसे बीज की पनीरी रोपित की थी तथा एक परिवार की पचास एकड़ जमीन मे यही स्थिति बताई गई है। गांव छापर मे भी कई किसानों को यह मार पड़ी है। सोमपाल ने बताया कि इसकी शिकायत जब उसने बीज विके्रता दुकानदार से की तो उसने बीज कंपनी के प्रतिनिधि द्वारा धान की फसल को देखने की बात कही लेकिन कोई नहीं आया। उसने बताया कि उन्होंने सप्ताह पहले यहां के उपमण्डल कृषि अधिकारी डा. सत्यवान आर्य से शिकायत की और निरिक्षण कर प्रमाण पत्र मांगा ताकि वे उपभोक्ता अदालत मे मामला दायर कर सकें तो उन्होने कृषि विकास अधिकारी को धान की फसल का निरिक्षण करने को भेज दिया जिसने बताया कि 1509 किश्म की धान के खेत मे करीब चालीस प्रतिशत 1121 किश्म की धान खड़ी है।
आज इस पर टिप्पणी करते हुए डा. सत्यवान ने कहा कि वे इसकी जांच करवाएंगे। इधर सोमपाल ने बताया कि बीते मंगलवार को वे उपमण्डल अधिकारी से मिले थे जो इस आशय का प्रमाण पत्र जारी करने मे टालमटोल कर रहे हैं। किसानों का कहना है कि 1509 किश्म की धान के पौधे पककर तैयार हैं जबकि 1121 किश्म की धान के पकने मे अभी महीना भर लगेगा और ऐसे मे 1509 की कटाई अलग से कराएं तो एक तो दिहाड़ी कई गुणी देनी होगी और दूसरे 1121 के पौधे नष्ट हो जाएंगे। किसानों का कहना था कि उन्हें तत्काल प्रमाण पत्र मिले और हर्जे खर्चे का भुगतान हो अन्यथा वे यहां उपमण्डल का पलैक्स मे धरना देने को विवश होंगे।