सत्यखबर, नरवाना (सन्दीप श्योरान) :-
बच्चों को अपनी इच्छानुसार उनका कैरियर बनाने के लिए विषय चुनने दें और उन पर पढ़ाई का ज्यादा बोझ ना डालें। यह बात भगवती क्लब के प्रधान व समाजसेवी अनूप गोयल ने बच्चों की पढ़ाई के लिए दबाव के चलते आत्महत्या करने के मसले पर कही। अनूप गोयल ने उदाहरण देते हुए कहा कि पिछले दिनों कोटा में आत्महत्या करने वाली छात्रा कृति ने अपने सुसाइड नोट में लिखा था कि मैं भारत सरकार और मानव संसाधन मंत्रालय से कहना चाहती हूं कि अगर वो चाहते हैं कि कोई बच्चा न मरे तो जितनी जल्दी हो सके, इन कोचिंग संस्थानों को बंद करवा दें, क्योंकि पढऩे का इतना दबाव होता है कि बच्चे बोझ तले दब जाते हैं। कृति ने लिखा है कि वो कोटा में कई छात्रों को डिप्रेशन और स्ट्रेस से बाहर निकालकर सुसाईड करने से रोकने में सफल हुई, लेकिन खुद को नहीं रोक सकी। यह सब जानकर मेरा मन भी विचलित हो गया कि इस होड़ में हम अपने बच्चों के सपनो को छीन रहे हैं। चाहे उस बच्चे के सपने कुछ भी हों, हम उन पर अपने सपने थोंप रहे है। जबकि स्कूल व कोचिंग संस्थान आदि बच्चों को पारिवारिक रिश्तों का महत्व नहीं सीखा पा रहे। उनके जहन में सिर्फ एक-दूसरे से प्रतिस्पर्धा के भाव भरे जा रहे है जो जहर बनकर उनकी जिंदगियां लील रहा है।
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