सत्य खबर, लाडनू । नागौर में 16 साल के नाबालिग को ‘पबजी’ और ‘फ्री फायर’ लत में अपने 12 साल के चचेरे भाई की गला दबा हत्या करने के आरोप में डिटेन किया गया है। नाबालिग आरोपी ने मासूम की लाश को वहीं जमीन में गाड़ दिया। इसके बाद असम में बैठे चचेरे भाई के अंकल को फेक इंस्टाग्राम आईडी से मैसेज कर 5 लाख रुपए की फिरौती भी मांगता रहा। इतना ही नहीं 4 दिन तक मासूम की तलाश में आरोपी परिजनों के साथ ही घूमता रहा।
मामले में सामने आया है कि नाबालिग आरोपी ने इस किलिंग के बाद बड़े ही शातिराना ढंग से मृतक मासूम के मोबाइल फोन से सिम निकाल कर बाहर फेंक दी। खुद के बड़े भाई के मोबाइल को चोरी कर ईमित्र पर जाकर उसकी रिपोर्ट लिखवाई। इसके बाद उसी मोबाइल के वाई फाई हॉटस्पॉट से मृतक मासूम के मोबाइल में इंटरनेट चलाया। इंस्टाग्राम पर फेक आईडी बनाई और असम में बैठे अंकल से 4 दिन तक 5 लाख की फिरौती के लिए बार्गेनिंग करता रहा।
सबूत मांगा तो मोबाइल कवर और चप्पल की फोटो भेजी
असम में बैठे अंकल ने मासूम प्रवीण के किडनेपिंग और इंस्टाग्राम आईडी से फिरौती मांगे जाने की जानकारी पुलिस से शेयर कर दी। लाडनू SHO राजेंद्र कमांडों ने बताया कि इसके बाद हमने अंकल को किडनैपर को चेटिंग में लगातार पजल्ड रखने और रैनसम मनी देने से पहले मासूम उसके कब्जे में होने को लेकर सबूत मांगने को कहा। जब पुलिस के बताये अनुसार अंकल ने मेसेज भेजा तो आरोपी नाबालिग ने पहले तो प्रवीण के मोबाइल के बेक कवर और चप्पलों की फोटो भेजी।
जमीन में गढ़ी लाश को बाहर निकाल चेहरे की फोटो भी भेजी
पुलिस के बताये अनुसार इस बार अंकल ने उसे इंस्टाग्राम पर प्रवीण के चेहरे की फोटो भेजने को कहा। अगले दिन नाबलिग आरोपी ने घटनास्थल पर जाकर जमीन में गढ़ी प्रवीण की लाश को बाहर निकाला और चेहरे को साफ कर खाली चेहरे की फोटो भेज दी। इस पर यकीन हों गया कि जो कोई भी फिरौती मांग रहा है प्रवीण उसी के कब्जे में हैं। इतना ही नहीं पकडे जाने से पहले आरोपी ने प्रवीण के अंकल को फिरौती में एक लाख का डिस्काउंट देते 4 लाख रुपये देने का कहा था।
बाबा और महाराज जब बच्चे के बारे में बताते तो मन ही मन हंसता
नाबालिग आरोपी ने पुलिस पूछताछ में बताया कि मासूम प्रवीण के गायब होने के बाद उसके परिजनों ने तलाश में कई बाबाओं-महाराज और मुल्लाओं के चक्कर भी काटे। वो भी साथ जा रहा था। इस दौरान जब बाबा प्रवीण के मिलने को लेकर तरह-तरह के चढ़ावे और दावे करते तो वो मन ही मन मुस्कुराता। उसने कहा कि शुरुआत में तो उसे डर लगा कि कहीं ये बाबा-महाराज और मुल्ला उसकी तरफ ही अंगुली न उठा दे। लेकिन जब किसी ने उसको सुजानगढ़ बस स्टेशन, किसी ने अजमेर और किसी ने 4 दिन बाद अपने आप वापस आने की बात कही तो उसका भी विश्वास इन पर से उठ गया।
जांच-पड़ताल में IP लोकेशन धुड़ीला गांव में मिली
इधर पेरेलल चल रही पुलिस की सायबर तकनीक से जांच-पड़ताल में सामने आया कि जिस इंस्टाग्राम आईडी से फिरौती मांगी जा रही थी, उसका IP एड्रेस मासूम के साथ गायब हुए मोबाइल का था। लोकेशन उसके गांव की ही आ रही थी। मोबाइल में इंटरनेट दूसरे मोबाइल के हॉटस्पॉट से चलाया जा रहा था। मामले की गहराई से जांच की तो मासूम के नाबालिग चचेरे भाई पर शक हुआ। चचेरे भाई से पूछताछ की उसने पूरे मामले का खुलासा कर दिया।
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