सत्यखबर, दिल्ली
पहलवान सागर धनखड़ हत्या मामले में फ रार होने के 17वें दिन सुशील पहलवान से एक गलती हुई और 18वें दिन वह पकड़ा गया। दरअसल हड़बड़ी में वह अपना मोबाइल स्विच ऑफ करना भूल गया था। पकड़ में आने के बाद उसने सबसे पहले खाना मांगा था। उसने बताया पुलिस को बताया था कि वह 3 दिन से भूखा है। वहीं सुशील कुमार एक रात श्मशान में भी रुका था।
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जाट तो ऐसे ही समझाते हैं
वहीं पुलिस पूछताछ में यह भी सामने आया कि स्पेशल सेल ने जब उसे सागर को पिटते हुए वीडियो दिखाया तो सुशील बोला वो झगड़ रहे थे और मैं समझा रहा था। जब उससे पूछा की लठ्ठ मारकर तो सुशील बोला. हम तो जाट हैं। बचपन से हमारे बाप-दादा ऐसे ही दो लठ्ठ मारकर समझाते थे। मैंने भी इस झगड़े में दोनों पक्षों को दो-दो लठ्ठ लगाकर समझाया था।
बता दें कि फरार सुशील कुमार के पीछे दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल की चार टीमें लगी हुई थी। सुशील के 600 परिचितों के 60 हजार नंबर ट्रेस किए गए। इनमें से 67 लोग ऐसे थे जिनके पास सुशील के कॉल आ सकते थे। टीम के 240 सदस्य इस आभियान में शामिल किए गए थे। जिसमें से 80 सदस्य 24 घंटे केवल मोबाइल ट्रेकिंग कर रहे थे।
हरिद्वार समेत 5 स्थानों पर लोकेशन ट्रेस होने के बावजूद वह बच निकलने में सफल रहा। स्पेशल सेल जानती थी कि सुशील हार्डकोर क्रिमिनल नहीं है इसलिए एक गलती जरूर करेगा और की भी। यहीं मार खा गया। हड़बड़ी में एक और कॉल करने के बाद 22 मई को वह अपना मोबाइल बंद करना भूल गया। यहीं से स्पेशल सेल को उसकी लोकेशन मिल गई। लोकेशन मिलते ही 25 मिनट में सुशील को पुलिस ने दबोच लिया।
दरअसल 22 मई को सुशील के बहादुरगढ़ में होने की सूचना मिली थी। उसका मोबाइल कभी भी बंद हो सकता था। पुलिस अधिकारियों के पास केवल 25 मिनट का समय था। इसलिए टीम तत्काल रवाना हो गई। वो जैसे ही 10 किलोमीटर दूर मुुंडका मेट्रो स्टेशन पहुंचा वैसे ही स्पेशल सेल ने घेर लिया। वहीं कद.काठी से सुशील दूर से ही पहचान लिया गया।
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