सत्य खबर, पानीपत
जिले में शुक्रवार सुबह करीब 5 बजे एक दर्दनाक सड़क हादसा हो गया। नोएडा से कैथल जा रहे परिवार की इको गाड़ी को पीछे से तेज रफ्तार ट्रक ने कुचल दिया। हादसे में एक बच्चे समेत 4 लोगों की मौके पर मौत हो गई। 1 साल की बच्ची, 2 महिलाएं और ड्राइवर बाल-बाल बच गए। हादसे में एक बुजुर्ग समेत 2 लोग गंभीर रुप से घायल भी हुए थे।
घायलों से एक व्यक्ति के सिर में गहरी चोट लगी होने की वजह से उसे प्राथमिक उपचार के बाद रोहतक पीजीआई रेफर कर दिया गया है, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। वहीं दूसरे घायल की सुनने की शक्ति कम हो गई है। हादसे की सूचना मिलने पर सेक्टर 29 थाना पुलिस मौके पर पहुंची और केस दर्ज करके आगामी कार्रवाई शुरू की।
बेटी की मौत की खबर सुनकर कैथल के लिए चला था परिवार
पुलिस के मुताबिक, मूल रूप से नोएडा के बुलंदशहर, उत्तर प्रदेश निवासी परिवार इन दिनों सिलापुर नोएडा में रहा रहा था। दयानंद (60) की कैथल निवासी बेटी बिमला की मौत गुरुवार रात को हुई थी। इसकी सूचना मिलने पर ही वह अपने बेटे रमेश (28), नवाब (40) और राकेश, ममता, नीलम, बच्चे प्रियांश और वंशिका के साथ इको गाड़ी किराए पर करके रात को ही कैथल के लिए रवाना हो गया था।
जब वे पानीपत में सुबह करीब 5 बजे पुलिस लाइन के पास पहुंचे तो पीछे से आ रहे तेज रफ्तार ट्रक ने ओवरटेक करने के चक्कर में इको को बाईं ओर से कुचल दिया। हादसा इतना भीषण था कि ट्रक इको को काफी दूर तक अपने नीचे दबाए घसीटता ले गया। हादसे के तुरंत बाद चालक ट्रक छोड़कर फरार हो गया। बताया जा रहा है कि ट्रक चालक नींद और नशे की हालत में ड्राइविंग कर रहा था।
6 साल के बच्चे समेत 3 की मौके पर मौत
दयानंद अपनी बेटी की मौत की खबर सुनकर परिवार सहित दुख में शामिल होने जा रहा था। मगर विधाता को कुछ और ही मंजूर था। हादसे में दयानंद के बड़े बेटे नवाब (40) और छोटे बेटे रमेश (28) की मौके पर मौत हो गई। प्रियांशु (6) और अन्य शख्स राकेश (35) की भी मौके पर ही मौत हो गई। वहीं इको में ड्राइवर की साइड में बैठी महिलाएं ममता (35) व नीलम (32) और वंशिका (01) साल बाल-बाल बच गए। प्रियांशु नीलम का एकलौता बेटा था।
निजी अस्पताल के लालच में एक की जान गईं
दरअसल, जीटी रोड पर सिवाह के पास निजी अस्पताल। इन अस्पतालों की एंबुलेंस 24 घंटे जीटी रोड पर सक्रिय रहती है। जैसे ही हादसा हुआ, वैसे ही सबसे पहले निजी अस्पताल की एंबुलेंस मौके पर पहुंच गई। वह वहां से घायलों को उठाकर अपनी एंबुलेंस में उठाकर निजी अस्पताल ले गई। लेकिन जहां उन्हें पता लगा कि घायल परिवार गरीब है, वह उनके इलाज का खर्च नहीं दे पाएगा तो वह घायलों को सिविल अस्पताल ले गई। इस पूरी प्रक्रिया में 40 मिनट का समय लग गया। हादसे में घायल नवाब के सिर पर गहरी चोट लगी थी, जिसे रोहतक पीजीआई रेफर किया गया, लेकिन उसकी मौत हो गई। सिविल अस्पताल के डॉक्टरों का कहना है कि अगर नवाब की जान गई तो इसका कारण निजी अस्पताल द्वारा अपने लालच में की गई लापरवाही का नतीजा है।
Aluminum scrap utilization Safe aluminium recycling practices Scrap metal reclamation and reutilization