सत्यखबर, नरवाना (सन्दीप श्योरान) :-
माना कि हमारा समाज शुरू से पुरुष प्रधान समाज रहा है। जिसमें प्राय: महिलाओं का शोषण होता आया है। लेकिन इसका ये मतलब कतई नहीं है कि केवल महिलाएं ही शोषण का शिकार हैं, बल्कि कई बार पुरुषों के साथ भी ज्यादती होती है। यह कथन सेवानिवृत एसोशिएट प्रो. केरा सिंह ने जारी एक बयान में कहे। केरा सिंह ने कहा कि समय के साथ-साथ विकास का चक्कर तेजी से घूमा है। जिसमें महिलाएं ना केवल पुरुषों के साथ कदम से कदम मिलाकर चल रही हैं, बल्कि अति जागरूक महिलाओं ने घरेलू हिंसा एक्ट तथा कार्यस्थल पर यौन शोषण एक्ट की आड़ में पुरुषों पर अत्याचार एवं उनका शोषण करना शुरू कर दिया है। ऐसे में पुरुषों के अधिकारों की सुरक्षा के लिए आवश्यकता आन पड़ी है कि महिला आयोग की भांति एक पुरुष आयोग का भी गठन हो। ऐसे में महिलाओं के प्रति बने एक्ट को दुरुपयोग में लाने वाली महिलाओं के चंगुल से पीडि़त पुरुषों को बचाया जा सकेगा। जो आज का यथार्थ है और समय की मांग भी है।
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