सत्यखबर, नरवाना (सन्दीप श्योरान) :-
लॉकडाउन में कुछ अन्य चीजों के साथ सरकार ने विद्यार्थियो को राहत देते हुए पुस्तक विक्रेताओं को पुस्तक बेचने की रियायत दी थी। पर एक दिन बाद यह आदेश वापिस ले लिया। यह छात्रों और पुस्तक विक्रेताओं के साथ छल है। यह कथन नरवाना पुस्तक विक्रेता संघ के प्रधान प्रवीण मित्तल का है। उन्होंने कहा कि यह आदेश सामाजिक दूरी टूटने की आशंका पर वापिस लिया गया है। उन्होंने कहा कि लॉकडाउन अवधि में बच्चों की पढाई बाधित हो रही है, जिससे वे तनावग्रस्त हो रहें है। बच्चों को सोशल मीडिया द्वारा पढाया जा रहा है। पर अधिकांश लोगो के पास मंहगे फोन नहीं हंै। पुस्तकों का कोई विकल्प नहीं है। हरियाणा प्रदेश व्यापार मंडल के संगठन मंत्री अचल मित्तल ने कहा कि पुस्तक विक्रेता से यह छूट वापिस लेने का निर्णय सरासर गलत है। शिक्षक वर्ग भी यही चाहता है कि बच्चों तक किताबें पहुंचनी चाहिए। अन्यथा इससे बच्चों का भविष्य अंधकारमय हो जायेगा। प्राइवेट स्कूल संघ के ब्लाक प्रधान सतीश कुमार ने भी पुस्तक विक्रेताओं की इस मांग का समर्थन किया है। इसलिए सरकार को तुरंत प्रभाव से आवश्यक शर्तों के साथ पुस्तक विक्रेताओं को यह छूट देनी चाहिए।
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