सत्य खबर सफीदों, महाबीर मित्तल: पेट्रोल, डीजल व रसोई गैस की बढ़ती कीमतों को लेकर संयुक्त किसान मोर्चा के तत्वधान में नगर के ऐतिहासिक खानसर चौंक पर क्षेत्र के किसानों ने जोरदार प्रदर्शन किया। किसानों ने केंद्र व राज्य सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। इस अवसर उपस्थित किसान गगनदीप निम्मनाबाद, राधेश्याम हॉट, शमशेर गांगोली, जगन्नाथ रामनगर, दीपक डिडवाड़ा, दलेर सिंह बड़ौद, नरेंद्रपाल सिंह निम्नाबाद, नरेंद्र खर्ब, मोहब्बत सिंह, इकबाल सिंह व महेंद्र सिंह आदि का कहना था कि एक तरफ कोरोना महामारी व दूसरी तरह कमरतोड़ महंगाई ने देश के आम आदमी का जीना दूभर कर दिया है। सरकार तीन कृषि कानून लाकर किसान और किसानी का तबाह करने पर तुली हुई है। श्रम कानूनों को चार कोड्स में बदलकर किसानों को कारपोरेट जगत का गुलाम बनाने की तैयारी कर रखी है। पहले पैट्रोल व डीजल के बीच मूल्य में काफी अंतर होता था लेकिन आज दोनों के रेट लगभग एक समान पहुंच चुके हैं। डीजल के अनापशनाप रेटों ने किसानों का खर्च में भारी इजाफा हुआ है। जिस प्रकार से डीजल व कृषि में प्रयोग होने वाले पदार्थों के रेट बढ़े है उसकी तुलना में फसलों के रेट वहीं के वहीं खड़े है। किसानों के किसानी करना घाटे का सौदा साबित हो रहा है। पैट्रोल 100 रूपए लीटर से ऊपर जा चुका है और रसोई गैस के दाम लगातार बढ़ते जा रहे हैं। पैट्रोल व रसोई गैस के बढ़ते दामों के कारण आम जनता का बजट पूरी तरह से बिगाड़कर रख दिया है। हालात ये हैं कि रसोई गैस पर मिलने वाली सब्सिडी खत्म्म होने के कगार पर है। किसानों का कहना था कि उनका प्रदर्शन तीन कृषि कानूनों को लेकर शुरू हुआ था। अब धीरे-धीरे जो भी समस्याएं आम जनता व किसानों के सामने आ रही हैं, उनका भी डटकर विरोध किया जाएगा।
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