सत्य खबर, पलवल, मुकेश बघेल। तीन दिवसीय जिला स्तरीय गीता महोत्सव-2021 कार्यक्रम नेताजी सुभाषचंद्र बोस स्टेडियम पलवल में बडे ही हर्षोल्लास से आयोजित किया जा रहा है। आयोजन स्थल पर सूचना, जनसंपर्क एवं भाषा विभाग हरियाणा की ओर से जिला स्तरीय गीता महोत्सव में हरियाणा के इतिहास को उजागर करने के साथ ही जिला पलवल की प्रमुखता को प्रदर्शनी के माध्यम से बखूबी दर्शाया गया है, जिसका अवलोकन कर तथा इतिहास की गाथा पढकर जिला के लोगों ने स्वयं को गौरवान्वित महसूस किया। इसके अतिरिक्त जिला के लोगों, स्कूली बच्चों व महिलाओं ने वीर शहीदों को नमन करते हुए अपनी भावी पीढ़ी को प्रोत्साहित किया कि वह अपने स्वतंत्रता सेनानियों व शहीदों को तथा उनकी शहादत को हमेशा याद रखकर उनसे अनुसरण ले।
तीन दिवसीय गीता महोत्सव कार्यक्रम के दूसरे दिन मुख्य अतिथि के रूप में पधारे पृथला विधानसभा के विधायक नयनपाल रावत व हथीन के एसडीएम लक्ष्मी नारायण ने सूचना, जन संपर्क एवं भाषा विभाग हरियाणा के तत्वावधान में नेताजी सुभाषचंद्र बोस स्टेडियम में लगाई गई प्रदर्शनी का अवलोकन किया। विभागीय प्रदर्शनी में ऐतिहासिक नगरी पलवल में हुई ऐतिहासिक घटना को विशेष रूप से प्रदर्शित किया गया। महात्मा गांधी की प्रथम राजनैतिक गिरफ्तारी जोकि 10 अप्रैल, 1919 को रेलवे स्टेशन पलवल पर की गई को भी प्रदर्शनी में दिखाया गया। पलवल के साथ लगते बल्लभगढ़ के राजा नाहर सिंह की वीरगाथा को भी प्रदर्शनी में विशेष स्थान मिला है। प्रदर्शनी के माध्यम से जानकारी दी गई कि राजा नाहर सिंह ने 20 जनवरी 1839 को बसंत पंचमी के दिन बल्लभगढ़ रियासत की बागडोर संभाली। जब 10 मई 1857 को देश में अंग्रेजों के विरूद्घ जन क्रांति का शुभारंभ हुआ तो राजा नाहर सिंह दिल्ली में घट रही घटनाओं से प्रेरित होकर इस जन क्रांति में कूद पड़े। दिल्ली के बाद हरियाणा में ब्रिटिश सरकार का दमन चक्र शुरू हुआ। फिर 23 सितंबर 1857 को राजा नाहर सिंह को गिरफ्तार कर लिया गया और 6 दिसंबर को उन्हें बंदी बनाकर दिल्ली के लाल किले में कैद कर दिया। तत्पश्चात 19 दिसंबर 1857 को राजा नाहर सिंह को कोठरी से निकालकर दिल्ली लाल किले के दरबारे आम में एक फौजी अदालत में पेश किया गया। अदालत ने विद्रोहियों की सहायता करने और ब्रिटिश इलाकों पर अवैध कब्जे के आरोप लगाए तथा राजा नाहर सिंह को दोषी करार देते हुए उन्हें फांसी की सजा सुनाई गई और उनकी संपत्ति जब्त कर ली गई।
भारत के स्वतंत्रता संग्राम में हरियाणा के योगदान की कहानी को अभिलेखों व तस्वीरों की जुबानी बेहद प्रभावशाली स्वरूप में दर्शाया गया है। मोहन नगर में निवासी नंदो जोगेंद्रपाल व उषा ने कहा कि प्रदर्शनी के माध्यम से हरियाणा के वीरों की कुर्बानी को जानने का अवसर मिला है। कैलाश नगर की रहने वाले रमन ने कहा कि हरियाणा का इतिहास बेहद बडा ही गौरवशाली है, जिसे प्रदर्शनी के माध्यम से प्रदर्शित किया गया है। उन्होंने कहा कि देश को स्वतंत्र कराने में अपने प्राणों की आहूति देने वाले शहीदों से परिचित होने का आज हमें मौका मिला है। इस प्रकार के आयोजन समय-समय पर सरकार द्वारा आयोजित किए जाने रहने चाहिए। गांव मीसा से गीता महोत्सव में आए सुनील सौरोत ने कहा कि इस प्रदर्शनी में जिला विधिक सेवाएं प्राधिकरण की योजनाओं व सुविधाओं को भी विस्तारपूर्वक ढंग से दर्शाया गया है, जिसकी जानकारी लोगों के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है। इससे जरूरतमंदों को विशेष रूप से मदद मिलेगी। डीएलएसए द्वारा कई प्रकार की सुविधाएं व कानूनी सहायता उपलब्ध करवाई जाती है, समय-समय पर गांवों व कॉलोनियों में विशेष कानूनी जागरूकता शिविर भी आयोजित करके इनकी जानकारी प्रदान की जाती है।
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