चण्डीगढ़, महाबीर मित्तल
कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री जयप्रकाश दलाल ने कहा कि प्रदेश में खाद व उर्वरक की कोई कमी नहीं है। गेहूं और सरसों की बिजाई के लिए प्रदेश सरकार ने पर्याप्त मात्रा में खाद को उपलब्ध करवाया है। राज्य में अभी तक 6 लाख 93 हजार मीट्रिक टन यूरिया, 2 लाख 82 हजार मीट्रिक टन डीएपी, 1 लाख टन से ज्यादा एसएसपी, 41 हजार से ज्यादा एनपीके की उपलब्धता है, जिसमें से 6 लाख 24 हजार मीट्रिक टन यूरिया, 2 लाख 60 हजार मीट्रिक टन डीएपी, 79 हजार मीट्रिक टन एसएसपी, 38 हजार 661 मीट्रिक टन एनपीके किसानों को उपलब्ध करवा दिया गया है। कृषि मंत्री मंगलवार को हरियाणा विधानसभा के शीतकालीन सत्र के तीसरे दिन लाए गए ध्यानाकर्षण प्रस्ताव पर जवाब दे रहे थे। कृषि मंत्री ने कहा कि हर जिले में बिजाई को ध्यान में रखते हुए खाद को उपलब्ध करवाया गया है। केंद्र सरकार के साथ खुद मुख्यमंत्री ने बातचीत कर खाद की उपलब्धता सुनिश्चित की है। प्रदेश सरकार ने कालाबाजारी करने वालों पर भी सख्त कार्रवाई की। 22 जिलों में 61 शिकायतें मिलीं, 157 को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया, 88 के लाइसेंस निलबिंत किए गए और 20 पर एफआईआर दर्ज की गई। इसके साथ-साथ 1685 टीमों ने कालाबाजारी पर अंकुश लगाने के लिए लगातार छापेमारी की। हरियाणा राज्य में रबी फसलों मुख्यत: गेहूं तथा सरसों की बिजाई के दौरान डीएपी, यूरिया और अन्य उर्वरकों की कोई गंभीर कमी नहीं देखी गई।
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पिछले वर्षों की तुलना में ज्यादा खाद उपलब्ध करवाया गया
कृषि मंत्री ने कहा कि पिछले रबी मौसम में 2.58 लाख मीट्रिक टन डीएपी की खपत हुई थी, जबकि वर्तमान मौसम के दौरान 15 दिसंबर, 2021 तक 2.57 लाख मीट्रिक टन डीएपी की मात्रा किसानों को उपलब्ध कराई जा चुकी है जोकि पिछले वर्ष की डीएपी खपत के लगभग बराबर है। इसके साथ-साथ फॉस्फेटिक उर्वरकों के अन्य स्त्रोतों जैसे एसएसपी तथा एनपीके को भी पिछले साल की तुलना में बहुत अधिक मात्रा (एसएसपी दो गुना से अधिक और एनपीके लगभग 5 गुना)में उपलब्ध कराया गया। इस प्रकार 15 दिसम्बर, 2021 तक फॉस्फेटिक उर्वरकों की कुल खपत 3.73 लाख मीट्रिक टन थी, जबकि पिछले वर्ष इसी अवधि तक इनकी खपत 3.01 लाख मीट्रिक टन थी। इसी प्रकार, पिछले वर्ष के दौरान यूरिया उर्वरक की बिक्री 5.88 लाख मीट्रिक टन थी, जबकि वर्तमान रबी मौसम के दौरान यह 5.74 लाख मीट्रिक टन रही जो यह दर्शाती है कि इस वर्ष किसानों को यूरिया की लगभग समान आपूर्ति हुई है। यहां यह उल्लेख करना उचित है कि आज की स्थिति के अनुसार राज्य में 55.828 मीट्रिक टन यूरिया का भण्डारण है तथा इसके अतिरिक्त, लगभग 50,000 मीट्रिक टन यूरिया उर्वरक संभवत: अगले 4 दिनों में राज्य में पहुंच जायेगा तथा इसके साथ-साथ भारत सरकार ने इस माह के अंत तक लगभग 1,25,000 मीट्रिक टन यूरिया की आपूर्ति करने की घोषणा भी की है।
मंत्री ने कहा कि बिजाई के समय आवश्यकतानुसार उर्वरकों की पर्याप्त मात्रा की उपलब्धता के साथ रबी की मुख्य फसलों की बिजाई हो चुकी है। फॉस्फेटिक उर्वरकों का उपयोग/ड्रिल बिजाई के समय किया जाता है तथा यूरिया को आमतौर पर फसल में टॉप-ड्रेसिंग के रूप में उपयोग किया जाता है। इस रबी मौसम में, सरसों फसल की बिजाई पिछले साल के 6.1 लाख हेक्टेयर (करीब 15 लाख एकड़) के मुकाबले 7.6 लाख हेक्टेयर (करीब 19 लाख एकड़) में की गई है। इसी तरह, 22.9 लाख हेक्टेयर क्षेत्र (करीब 57 लाख एकड़) में गेहूँ बोया गया है जबकि पिछले साल 23.3 लाख हेक्टेयर क्षेत्र (करीब 58 लाख एकड़) में गेहूँ बोया गया था। यह स्पष्ट रूप से दर्शाता है कि किसी भी उर्वरक की कमी के कारण गेहूँ तथा सरसों फसल की बिजाई पर कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ा है। जेपी दलाल ने कहा कि बिक्री केन्द्रों पर उर्वरकों की खरीद के दौरान कुछ स्थानों पर कतारें उर्वरक की कमी या आपूर्ति न होने के कारण नहीं थीं, बल्कि पीओएस मशीन (प्वाइंट ऑफ सेल मशीन) पर डेटा को अपडेट करने में कुछ समय लगता है। इस प्रणाली में आधार कार्ड और अंगूठे के निशान आदि की आवश्यकता होती है। भारत सरकार ने 2018-19 से आईएफएमएस (एकीकृत उर्वरक निगरानी प्रणाली) शुरू की थी जो पीओएस मशीन (प्वाइंट ऑफ सेल मशीन) के माध्यम से बिक्री को अनिवार्य करने की मांग करती है। ताकि बिक्री तथा स्टॉक के वास्तविक समय का आंकड़ा राष्ट्रीय स्तर पर उपलब्ध हो सके।
मंत्री ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा उर्वरकों की समय पर आपूर्ति करने तथा भारत सरकार से अधिक उर्वरक प्राप्त करने हेतु विशेष प्रयास किए गए है। राज्य में उर्वरकों के उचित वितरण की समय – समय पर उच्चतम स्तर पर समीक्षा भी की गई है। भारत सरकार प्रत्येक मंगलवार को वीडियो कॉन्फ्रेंस बैठक के माध्यम से सभी राज्यों के साथ उर्वरकों की स्थिति की समीक्षा करती है। विभाग के मंत्री अतिरिक्त मुख्य सचिव कृषि के स्तर पर लगभग प्रतिदिन समीक्षा की जा रही है। महानिदेशक, कृषि प्रतिदिन भारत सरकार के लगातार संपर्क में रहते है। सम्बन्धित अधिकारियों द्वारा भारत सरकार के कार्यालय का साप्ताहिक आधार पर दौरा किया जा रहा है ताकि खाद के रैकस की समुचित व्यवस्था की जा सके। इस प्रकार, प्रमुख उर्वरकों की उपलब्धता, बिक्री और स्टॉक की स्थिति की नियमित रूप से फील्ड स्टाफ द्वारा भारत सरकार और उर्वरक आपूर्तिकर्ता कंपनियों के साथ दैनिक आधार पर निगरानी की जा रही है।
मुख्यमंत्री ने लगातार बनाए रखी नजर
मुख्यमंत्री मनोहर लाल द्वारा 23 जुलाई, 2021 को लिखे गए अर्ध सरकारी पत्र के माध्यम से केन्द्रीय उर्वरक मंत्री को अनुरोध किया तथा उसके बाद एक अन्य अर्ध सरकारी पत्र 07 सितम्बर, 2021 द्वारा भी अनुरोध किया गया। 04अक्तूबर, 2021 को संयुक्त सचिव (आईएनएम) भारत सरकार से डीएपी की आपूर्ति में तेजी लाने और अक्तूबर 2021 के लिए आवंटन बढ़ाने बारे अनुरोध किया गया। कृषि मंत्री हरियाणा ने भी अर्ध सरकारी पत्र दिनांक 11अक्तूबर, 2021 के माध्यम से केन्द्रीय उर्वरक मंत्री को अनुरोध किया गया और 12 अक्तूबर, 2021 को कृषि मंत्री हरियाणा द्वारा स्थिति की समीक्षा की गई। इसी प्रकार, दिनांक 12अक्तूबर, 2021 राज्य के सभी उपायुक्तों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंस बैठक में अतिरिक्त मुख्य सचिव , कृषि एवं कल्याण विभाग हरियाणा द्वारा स्थिति की समीक्षा की गई। 14 अक्तूबर, 2021 को सभी उपायुक्तों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंस बैठक में मुख्यमंत्री हरियाणा द्वारा उर्वरकों की उपलब्धता बारे समीक्षा की गई आपूर्ति में तेजी लाने और डीएपी के आवंटन की मात्रा बढ़ाने के अनुरोध के साथ महानिदेशक, कृषि द्वारा 21 अक्तूबर, 2021 को केन्द्रीय उर्वरक मंत्रालय का व्यक्तिगत दौरा किया गया । मुख्यमंत्री हरियाणा द्वारा 24अक्तूबर, 2021 को उर्वरकों की उपलब्धता बारे समीक्षा की गई। अतिरिक्त मुख्य सचिव, कृषि द्वारा 11नवम्बर, 2021 को सचिव ( उर्वरक ) भारत सरकार से 25 नवंबर, 2021 तक हरियाणा को 10 डीएपी के अतिरिक्त रैक की आपूर्ति कराने का अनुरोध किया गया।
इसी प्रकार कृषि मंत्री, हरियाणा ने उर्वरकों को नियमित आधार पर उपलब्ध करवाने के उद्देश्य से केन्द्रीय कृषि मंत्री तथा केन्द्रीय उर्वरक मंत्री के साथ नवंबर माह में दो बार बैठक की। मुख्यमंत्री हरियाणा द्वारा 12 दिसम्बर, 2021 को सभी उपायुक्तों के साथ उर्वरकों की उपलब्धता बारे समीक्षा की गई । विभागीय पत्र 16 दिसम्बर, 2021 के द्वारा यूरिया के 16 रैंकस् तुरन्त भेजने बारे अनुरोध किया गया। पूरे प्रदेश में उर्वरकों की आपूर्ति की निगरानी मुख्यालय व जिला स्तर पर लगातार की जाती है। इस उद्देश्य के लिए उपायुक्तों को नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है तथा उप कृषि निदेशकों एवं कृषि विभाग के कर्मचारियों को उर्वरकों की निगरानी एवं नियंत्रण हेतू उपायुक्तों को सहयोग करने बारे निर्देश दिये गये। उपायुक्तों को निर्देश दिये गये कि सख्त उपाय किये जाये ताकि पड़ोसी राज्यों में किसी प्रकार का उर्वरक ना जाने पाये, उपायुक्तों द्वारा उर्वरकों के स्टॉक की जांच तथा उर्वरक निगरानी प्रणाली ( एफएमएस ) पर अद्यतन तथा हर दुकान पर स्टॉक की स्थिति को प्रदर्शित किया जाये। सरसों उगाने वाले जिलों में उर्वरकों के वितरण में प्राथमिक कृषि सहकारिता समितियों को प्राथमिकता दी जाये। उपायुक्तों द्वारा अपने अधिकार क्षेत्र में उर्वरकों के उपलब्ध स्टॉक का भौतिक सत्यापन करते हुए कालाबाजारी और चोरी को रोकने के लिए हर संभव कदम उठायें जाए। इसी प्रकार, सरसों उगाये जाने वाले क्षेत्रों में सिंगल सुपर फॉस्फेट तथा गेहूं व आलू उगाये जाने वाले क्षेत्रों में एनपीके के उपयोग को लोकप्रिय बनाने के लिए कदम उठाए जाएं। मुख्यालय पर डीएपी की दैनिक निगरानी विभाग के विशेष अधिकारी के द्वारा की जाती है। डीलरों को अपने स्टॉक की स्थिति को पीओएस/आईएफएमएस में अपडेट करने के लिए निर्देशित किया गया है और स्टॉक की जांच के लिए टीमों का गठन किया गया है। पुलिस द्वारा नियमित रूप से स्थापित नाकों पर जांच की जाती है ताकि पड़ोसी राज्यों में कोई खाद न जाए। चोरी तथा कालाबाजारी के खिलाफ कार्यवाही की गई है।
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