कोरोना को लेकर गेंहू का सीजन हो सकता है काफी लंबा
एक दमकल गाड़ी के भरोसे ही क्षेत्र की सुरक्षा का दारोमदार
सत्यखबर, सफीदों: कोरोना महामारी के कारण हर प्रकार की व्यवस्थाएं प्रभावित हुई हैं और कृषि क्षेत्र भी इससे अछूता नहीं है। इस महामारी के चलते सरकार ने किसानों व आढ़तियों के लिए गाईडलाईन तैयार की है और उन्ही गाईडलाईन के अनुरूप सफीदों उपमंडल में गेहूं खरीद की तैयारियां जोरों पर हैं। खरीद केंद्रों पर बिजली की व्यवस्था का ठेका दिया गया है और पानी की व्यवस्था के प्रबंध भी किए जा रहे हैं लेकिन गेहूं की खरीद में गेहूं की झराई, तुलाई, भराई व लदाई के काम में स्थानीय मजदूर अनुभवी नहीं, इसके अनुभवी प्रवासी मजदूरों के ना मिलने से समस्या खड़ी हो सकती है। गौरतलब है कि सफीदों क्षेत्र में हर सीजन में हर बार फसल की कटाई, झड़ाई व लगाई के लिए बड़ी तादाद में प्रवासी मजदूर यहां पर पहुंचते हैलेकिन इस बार कोरोना के कारण परिस्थितियां बिल्कुल विपरित हैं। लॉकडाउन के कारण हर कोई जहां है, वहीं पर ठहरा हुआ है। महामारी के कारण बंद यातायात व्यवस्था के कारण प्रवासी मजदूर गेंहू के सीजन को लेकर यहां नहीं पहुंच पाए है। वहीं दूसरी ओर अनाज मंडियों व खरीद केंद्रों पर भी कार्य लगभग प्रवासी मजदूर ही किया करते थे। बहुत से मजदूर ऐसे भी थे जो बहुत लंबे समय से काम के सिलसिले में इस क्षेत्र में आते हैं और काम खत्म होने के बाद वापिस अपने प्रदेशों को लौट जाते हैं। मजदूरों के साथ-साथ अपनी मांगों को लेकर आढ़तियों द्वारा की जा रही हड़ताल ने भी सरकार व किसानों की दिक्कतों को ओर अधिक बढ़ा दिया है। सफीदों में नई अनाज मंडी के अलावा 5 स्थाई ग्रामीण खरीद केंद्र हैं और इसके इलावा दो राइस मिल व दो खेल स्टेडियम को खरीद केंद्र बनाया गया है। बड़ी समस्या यह है कि लॉकडाउन की स्थिति के कारण वे प्रवासी मजदूर इस सीजन के लिए यहां उपलब्ध नहीं है जो उत्तर प्रदेश व बिहार जैसे इलाकों से आकर यहां गेहूं की झराई, तुलाई, भराई व लदाई का काम करते थे। ऐसे में जैसा कि सरकार के निर्देश हैं, मनरेगा मजदूरों से काम लिया जाना इतना आसान नहीं है। आढ़तियों का कहना है कि मनरेगा मजदूरों को इस काम का अनुभव नहीं है, उनसे काम में विलंब तो होगा ही, गेहूं के लदान जैसे कठिन काम मे किसी मजदूर को चोट लगने की स्थिति में अनावश्यक विवाद भी खड़े होंगे। यहां समस्या यह भी है कि गेहूं खरीद का सीजन लंम्बे चलने के आसार हैं और क्षेत्र के लिए मार्किट कमेटी के पास अग्निशमन वाहन केवल एक है और ऐसे आगजनी की घटनाओं पर काबू पाने में दिक्कत बढ़ सकती है। इस एक दमकल के भरोसे पर ही पूरे क्षेत्र की सुरक्षा हो पाना संभव नहीं है। खेतों में छोटी-मोटी आगजनी की घटनाएं शुरू हो चुकी है। हर सीजन में दर्जनों आगजनी की घटनाएं सामने आती है। बेकाबू स्थिति में बाहर से दमकल की गाडिय़ों को बुलाना पड़ता है। सफीदों मार्किट कमेटी के सचिव पवन चोपड़ा ने बताया कि गेहूं खरीद की तैयारियां जोरों पर हैं। मजदूरों के उपलब्ध ना होने से समस्या तो जरूर होगी लेकिन किसानों को इसमें कोई दिक्कत नहीं आने दी जाएगी। उन्होंने कहा कि खरीद केंद्रों पर बिजली के प्रबंध का ठेका दे दिया गया है जबकि पानी के टैंकर ग्रामीण विकास विभाग द्वारा उपलब्ध कराए जाने हैं।
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