सत्य खबर पलवल (मुकेश बघेल) :- जाको राखे साईंया मार सके न कोए, यह कहावत लॉकडाउन के दौरान पलवल में देखने को मिली। कोरोना वायरस के संक्रमण के चलते देश को लॉकडाउन किया हुआ है। लॉकडाउन में सबसे अधिक समस्या प्रवासी मजदूरों को आ रही है…. क्योंकि उनका मजदूरी बंद हो गई…. और उनके सामने खाने-पीने का संकट पैदा हो गया।…. जिसके लेकर इन मजदूरों ने पलायन करना शुरू कर दिया है।….
पलवल में केएमपी एक्सप्रेस वे के रास्ते पैदल अपने गंतव्य राजस्थान जा रहे मजदूरों में एक महिला ने सडक़ पर तपती धूप में बच्ची को जन्म दे दिया।…. जन्म देने वाली महिला व उसके साथी मजदूर गांव रतीपुर के खेतों में तपती धूप में रह रहे थे…। लेकिन तीन-चार दिन तक भी इन मजदूरों की किसी ने कोई सुध नहीं ली। किसी ने फोन के जरिए इसकी समाजसेवी रोटरी क्लब संस्कार को दी।… रोटरी क्लब संस्कार की चेरमैन ने क्या कहा सुनिए
जन्म देने वाली महिला की साथी महिला कमला ने बताया कि वे पिछले दस-बारह दिनों से पैदल चल रहे और अपने गंतव्य राजस्थान जा रहे थे। कमला ने बताया कि उनकी किसी ने कोई मदद नहीं और कई दिनों से उन्होंने खाना भी नहीं खाया। औऱ क्या कुछ कहा सुनिए
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मामला मिडिया के सामने आते ही पुलिस प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग की टीम मौके पर पहुंच गई और महिला व उसकी बच्ची को उपचार के लिए सिविल अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
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