सत्य खबर, नई दिल्ली
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली एक बार फिर गैस चैंबर बन गई है। बढ़ती ठंड के बीच लगातार खराब होती हवा के मद्देनजर शनिवार को भारत के मुख्य न्यायाधीश एनवी रमन्ना ने केंद्र सरकार से दिल्ली में 2 दिन के लॉकडाउन पर विचार करने के लिए कहा है। दिल्ली में लगातार जहरीली होती हवा से निपटने के लिए सुप्रीम कोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की गई थी जिस पर सीजेआई एनवी रमन्ना ने लॉकडाउन का सुझाव दिया। इसके अलावा न्यायालय ने प्रदूषण के बढ़े हुए स्तर पर चिंता जाहिर करते हुए केंद्र को फटकार भी लगाई।
सुप्रीम कोर्ट का गुस्सा दिल्ली सरकार पर भी फूटा है। न्यायालय ने कहा कि आप सिर्फ किसानों के वायु प्रदूषण के लिए जिम्मेदार ठहरा रहे हैं, लेकिन वह केवल 40 फीसदी ही जिम्मेदार है। प्रदूषण को लेकर दिल्ली के लोगों को कंट्रोल करने के लिए आपने क्या कदम उठाए। वाहन से फैलने वाले प्रदूषण और पटाखों को लेकर क्या? सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली की हालत पर केंद्र और दिल्ली सरकार से कहा कि इसे राजनीति से परे देखें और इसका आपातकालीन उपाय करें।
घर में भी मास्क पहनने की जरूरत गौरतब है कि राजधानी दिल्ली में आज यानी 13 नवंबर को एयर इंडेक्स में हवा की क्वालिटी गंभीर श्रेणी में है। दिल्ली में एयर इंडेक्स 499 है। याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हमें अब घर में भी मास्क पहनने की जरूरत है। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से पूछा कि वायु प्रदूषण से निपटने के लिए उसने क्या कदम उठाए हैं? सीएसी ने केंद्र से कहा, आप कहते हैं कि पराली जलाने के लिए 2 लाख मशीनें उपलब्ध हैं और बाजार में 2-3 तरह की मशीनें उपलब्ध हैं, लेकिन किसान उन्हें खरीद नहीं सकते हैं। तो केंद्र या राज्य सरकारें किसानों को ये मशीनें क्यों नहीं दे सकतीं?
दो दिनों का लॉकडाउन लगा सकते हैं? सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से कहा, हमें बताएं कि हम एक्यूआई को 500 से कम से कम 200 अंक कैसे कम कर सकते हैं। कुछ जरूरी उपाय करें। क्या आप दो दिन के लॉकडाउन या कुछ और के बारे में विचार कर सकते हैं? लोग ऐसे कैसे रह सकते हैं? छोटे बच्चों को इस मौसम में स्कूल जाना है, हम उन्हें ये दिखा रहे हैं।
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इस बीच डॉ गुलेरिया (एम्स) ने कहा कि हम उन्हें प्रदूषण, महामारी और डेंगू के संपर्क में ला रहे हैं। दिल्ली में वायु प्रदूषण पर न्यायालय ने आगे कहा, ‘दिल्ली में वायु गुणवत्ता ‘गंभीर’ श्रेणी में है और अगले 2 से 3 दिनों में यह और ज्यादा जाएगी। कुछ ऐसा होना चाहिए जिससे दो-तीन दिन में हम बेहतर महसूस करें।’ सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने केंद्र से कहा कि आज की बैठक में वायु प्रदूषण की आपात स्थिति पर ध्यान देना होगा। इस बीच SC ने दिल्ली सरकार से पूछा कि स्मॉग टावर और उत्सर्जन नियंत्रण परियोजनाओं को स्थापित करने के उसके फैसले का क्या हुआ?
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