सत्य खबर, नई दिल्ली
हिंदू पंचांग के अनुसार प्रत्येक माह में शुक्ल पक्ष की अंतिम तिथि को पूर्णिमा आती है। पूरे साल में 12 पूर्णिमा तिथि आती हैं। ज्येष्ठ मास में शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा को ज्येष्ठ पूर्णिमा कहा जाता है। इस बार ज्येष्ठ पूर्णिमा तिथि 24 जून को यानी गुरुवार को पड़ रही है। ज्येष्ठ पूर्णिमा का विशेष महत्व माना जाता है। ज्येष्ठ पूर्णिमा के दिन मां लक्ष्मी और भगवान विष्णु की विशेष पूजा अर्चना की जाती है। गुरुवार के दिन ज्येष्ठ पूर्णिमा पडऩे के कारण यह तिथि और भी ज्यादा खास मानी जा रही है। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा करना विशेष फलदायी रहेगा। वास्तु में पूर्णिमा को लेकर कुछ विशेष उपाय बताए गए हैं। जिनका पालन कर सुख.समृद्धि पा सकते हैं। पूर्णिमा व्रत को सभी मनोकामनाओं को पूर्ण करने वाला माना गया है।
पूर्णिमा के दिन आकाश में पूरा चांद दिखाई देता है जो अंधकार को खत्म करने का प्रतीक माना जाता है। मान्यता है कि पूर्णिमा के दिन पीपल के वृक्ष पर मां लक्ष्मी का आगमन होता है। इस दिन पीपल के वृक्ष पर कुछ मीठा चीज चढ़ाकर जल अर्पित करने से मां लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है। इस दिन दांपत्य जीवन में मधुरता के लिए पति.पत्नी चंद्रमा को दूध से अघ्र्य देना फलदायी माना जाता है। माना जाता है कि पूर्णिमा की रात चंद्रमा को देर तक निहारने से आंखों की रोशनी तेज होती है। यह भी मान्यता है कि पूर्णिमा के दिन गर्भवती महिला चंद्रमा की रोशनी में रहे तो शिशु स्वस्थ होता है।
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इस दिन विधिपूर्वक भगवान विष्णु का व्रत और पूजन करें। इस दिन जरूरतमंदों को दान अवश्य करें। इस दिन कोई भी अनैतिक कार्य करने से बचें। घर.परिवार में कोई संकट हो तो पूर्णिमा के दिन भगवान शिव को सफेद पुष्प अर्पित कर प्रार्थना करें।
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