स्कीम के तहत अनुसूचित जाति के परिवारों को मिलेगी वित्तीय सहायता
सत्य खबर जींद, महाबीर मित्तल: उपायुक्त डॉ. आदित्य दहिया ने बताया कि वष 2०21-22 के तहत अनुसूचित जाति के परिवारों को मत्स्य पालन हेतु अनुसूचित जाति वेलफेयर स्कीम के तहत वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी। प्राथना पत्र सरल के माध्यम से ही ऑनलाइन स्वीकार किए जाएंगे। इच्छुक व्यक्ति की आयु 18 से 6० वर्ष होनी चाहिए तथा तहसीलदार द्वारा जारी अनुसूचित जाति प्रमाण पत्र आवेदन पत्र के साथ लगाना अनिवार्य है। प्रार्थी जिला वासी तथा मछली पालन के लिए तालाब भी जिला की सीमा में स्थित होना चाहिए। प्राथीü का चयन पहले आओ-पहले पाओ के आधार पर किया जाएगा।आदित्य दहिया ने बताया कि ग्रामीण तालाबों को मछली पालन हेतू प्रथम वषü पट्टे पर लेने के लिए पट्टा राशि 5० हजार रुपये प्रति हैक्टेयर अथवा वास्तविक राशि का 5० प्रतिशत दोनों में से जो कम हो जिसकी अधिकतम राशि सीमा 2 लाख रुपये है, वित्तीय सहायता दी जाएगी। मछली की थोक बिक्री के लिए दुकान किराये पर लेने के लिए वास्तविक किराये के लिए 5० प्रतिशत दर से जिसकी अधिकतम सीमा 5 हजार रुपये प्रति माह लाभार्थी तथा मछली की परचून बिक्री के लिए अधिकतम सीमा 3 हजार रुपये प्रति माह लाभार्थी अथवा जो भी कम हो वित्तीय अनुदान दिया जाएगा।
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मत्स्य पालक को प्रति लाभार्थी 15 हजार रुपये तक का जाल खरीदने पर 5० प्रतिशत अनुदान सहायता राशि प्रदान की जाएगी। मछलियों की खाद-खुराक के लिए 6० प्रतिशत की दर से 9० हजार रुपये प्रति हैक्टेयर अनुदान दिया जाएगा, जिसकी सीमा 1 लाख 8० हजार रुपये है। मत्स्य पालक को रंगीन मछलियों की आरएएस इकाई पर 7 लाख रुपये का 6० प्रतिशत यानी 4 लाख 2० हजार रुपये तक अनुदान दिया जाएगा। अनुसूचित जाति के मछली पालकों के लिए 1० दिनों के प्रशिक्षण हेतु 1०० रुपये प्रतिदिन प्रशिक्षण भत्ता अधिकतम 1०० दिनों तक दिया जाएगा।
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