सत्यखबर सफीदों (महाबीर मित्तल) – नगर के आर्य मिडल स्कूल में में वैदिक मुहिम के तहत बच्चों को संस्कारित करने के उद्देश्य से शिविर का आयोजन किया। शिविर की अध्यक्षता आर्य समाज सफीदों के प्रधान यादविंद्र बराड़ ने की। इस मौके पर आर्य समाज के धर्माचार्य कमलेश शास्त्री विशेष रूप से उपस्थित थे। अपने संबोधन में प्रधान यादविंद्र बराड़ ने कहा कि संसार के निर्माण में सबसे अहम रोल बच्चों व युवाओं का है क्योंकि बच्चे और युवा ही इस देश का भविष्य हैं।
आर्य समाज के संस्थापक महर्षि दयानंद सरस्वती ने शिक्षा को ही सर्वोपरि माना है। सत्यार्थ प्रकाश में बताया गया है कि बच्चों के माता, पिता व आचार्य 3 गुरू होते हैं। घड़े के निर्माण में तो केवल एक कुम्हार की आवश्यकता होती है लेकिन बच्चों के भविष्य निर्माण में माता, पिता व आचार्य का होना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि आज के दौर में पश्चिमी सभ्यता के कारण बच्चों के चारित्रिक, मानसिक और बौद्धिक विकास में कमी आ रही है।
हम भगवान राम व कृष्ण की पूजा तो करते हैं लेकिन पूजा के साथ-साथ उनके चारित्रिक गुणों को जीवन में धारण करना बेहद आवश्यक है। हम अपनी संन्तानो को पूजा करना तो सिखातें है परन्तु उनके चरित्र को नहीं सिखाते यही हमारी सबसे बड़ी भूल है। उन्होंने युवाओं से आह्वान किया कि वे जीवन में महापुरूषों के जीवन से प्रेरणा लेकर उनके चारित्रिक गुणों के अपने जीवन मेंं समावेश करें।
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