सत्यखबर, करनाल
करनाल के मुनक में एक 43 वर्षीय महिला सुमन गुप्ता की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई। मायके पक्ष ने मृतका के पति क्लर्क मदन गुप्ता व ननदोई पर जहर देकर मारने का आरोप लगाया है। पुलिस को शिकायत देकर दोनों के खिलाफ केस दर्ज करवाया। पुलिस ने केस दर्ज के बाद शव का पोस्टमार्टम करने के बाद मायके पक्ष को सौंप दिया। जो शव को अपने साथ ले गए। ससुराल पक्ष ने शव को अपने साथ ले जाना चाहा था, पर मायके पक्ष ने इस बारे में उनकी एक नहीं सुनी। मृतका के समालखा निवासी भाई गौरी शंकर ने बताया कि कल शाम करीब पांच बजे उसके मूनक में रहने वाले भांजे सार्थक का फोन आया। उसने बताया कि मम्मी को खून की उल्टी लग रही हैं और यहां पर कोई बचाने वाला नहीं है। उसे कहा कि वे घर से बाहर जाकर इस बारे में शोर शुरू करे और पास के किसी भी डॉक्टर को बुलाकर उसके साथ बात करवाना। उसने डॉक्टर को कहा वे उसकी बहन को करनाल के अमृतधारा अस्पताल में भर्ती करवा। लेकिन ससुराल पक्ष के लोगों ने अमृतधारा में लेकर जाने की बजाए दूसरे अस्पतालों में ही लेकर जाते रहे। जब उस अस्पताल के बारे में पूछा तो उन्होंने बताया कि वहां पर बैड नहीं मिला। इसी बीच उसकी बहन की मौत हो गई। जब उसका बड़ा जीजा वहां पर गया तो उसके साथ मारपीट की। वो चाह रहे हैं कि उन पर पुलिस केस न बने। मामला यहीं पर रफादफा हो जाए। उसके बाद जब वे पहुंचे तो उसके साथ भी मारपीट की।
वर्ष 2002 में समालखा निवासी सुमन गुप्ता की शादी गांव मूनक निवासी मदन गुप्ता के साथ हुई थी। मदन गुप्ता सरकारी स्कूल में बतौर क्लर्क नियुक्त है। उनके पास 17 साल की लड़की और 15 साल का लड़का है। मृतका के भाई ने आरोप लगाया कि शादी बाद से ही उसकी बहन को परेशान किया जा रहा था। 15 साल से उनकी पंचायतें चल रही थी। वे हर बार लड़की को समझकर ही बात को खत्म कर देते थे। कुछ दिनों पहले उसकी बहन ने उसे बताया था कि उसे मानसिक रूप से परेशान कर रहे हैं। हमारे साथ बातचीत करने से रोकते हैं। बात करने पर बोलते हैं कि वे उसके मायके पक्ष के खिलाफ सुसाइड लेटर लिखकर आत्महत्या कर लेगा। जिसे हमेशा अपनी जेब में रखता है। अपने बैग में सल्फा की गोली रखता है।
मायके में जाएंगे संस्कार पर
मृतका के देवर ने बताया कि कल उसकी भाई की तबियत खराब हो गई। आज उसकी मौत हो गई। उसका भाई सुबह डयूटी पर चला जाता है। उसके खिलाफ आरोप लगाया है। उसके भाई का परिवार सुख मौज से रह रहा था। ये उसके मायके पक्ष को सहन नहीं था। उसके गांव के सैकड़ों लाेगों ने शव अपने साथ लेकर जाने की गुहार लगाई। उनके पांव तक पकड़े। उन्होंने उनकी नहीं मानी। हर महिला का संस्कार उसकी ससुराल में होता है।
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ऐसा न करके उन्होंने ठीक नहीं किया। अब वे सभी ग्रामीणों के साथ मायके में ही जाकर संस्कार करवाकर आएंगे।संस्कार को लेकर दोनों पक्ष आमने-सामने हो गए। मायके पक्ष शव को अपने साथ ले गए। जबकि ससुराल पक्ष उसका संस्कार ससुराल में करना चाह रहे थे। इस बात को लेकर करीब एक घंटा तक दोनों परिवार के लोगों में मना-मनाई, तकरार चलता रहा और अंत में मायके वाले शव को अपने साथ ले गए।
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