सत्य खबर, नारायणगढ़ (सरिता धीमान)। नारायणगढ़ से सटे हिमाचल के जिला सिरमोर के गांव बाग पशोग से एक विशेष रिपोर्ट। हिमाचल के जिला सिरमोर के जिला उपायुक्त द्वारा गांव की बेरोजगार महिलाओं का सैलफ हैलप ग्रुप बनाकर उन्हें गांव में ही रोजगार देने व कौशल विकास करने के लिए जिला सिरमोर के गांव बाग पशोग में शी हाट के नाम से एक योजना शुरू की है जिसमें गांव की एक सैल्फ हैल्प ग्रुप की 25 महिलाएं शी हाट नाम से एक दुकान चला रही हैं। जिला सिरमोर के कस्बा सराहां से कुमार हट्टी की ओर जाते समय नैना टिक्कर से लगभग 6 किलो मीटर पहले गांव बाग पशोग में शी हाट बनाई गई है। राष्ट्रीय राजमार्ग पर स्थित इस होटल में यात्रियों के लिए तीनों समय का हिमाचल का शुद्ध ऑरगेनिक खाना, शहद, गेंहू व मक्की का आटा, हल्दी, आचार व बेचने के लिए महिलाओं द्वारा तैयार किया गया घरेलू उपयोग का काफी सामान उपलब्ध है। यात्रियों के रात को ठहरने के लिए किराये पर दो कमरे भी उपलब्ध हैं। कौशल विकास करने के लिए महिलाओं द्वारा सिलाई बुनाई आदि भी की जा रही है। जिला प्रशासन की ओर से महिलाओं को एक भवन बनाकर दिया गया है जो सोलर उर्जा से संचालित है। एक बैटरी वाला थ्री व्हीलर भी उपलब्ध करवाया गया है ताकि ये आस पास से सामान लाने के लिए व महिलाओं को घर से लाने के लिए इस थ्री व्हीलर का उपयोग कर सकें।
शी हाट की मैनेजर रीना शर्मा ने बताया कि यह जिला प्रशासन का एक ड्रिम प्रोजेक्ट है। जिसे 25 महिलाएं चलाती हैं। यहां घर का लोकल सामान बनता है। शुद्ध खाना बनाया जाता है। जिसे लोग काफी पसंद करते हैं। महिलाएं घर पर सामान बनाती हैं जिसे शी हाट में बेचा जाता है। यहां शुद्ध ओरगेनिक सामान मिलता है। महिला सशक्तिकरण के लिए जिला प्रशासन का एक अच्छा प्रयास है। शर्मा ने बताया कि एक साल तक उन्हें प्रशासन को कुछ भी नहीं देना है जिसके बाद दूसरे साल में 25 प्रतिशत राशि जिला प्रशासन को देनी होगी व 5 प्रतिशत राशि पंचायत को देनी होगी क्योंकि जमीन पंचायत की है व भवन जिला प्रशासन ने बनाकर दिया है। उन्होंने कहा कि महिलाएं घर से बाहर निकल कर व्यापार कर रही हैं जो बहुत अच्छा लगता है।
शी हाट होटल में जलपान लेने के लिए परिवार सहित पहुंचे हिमाचल के हिपा के ज्वायंट डॉयरेक्टर डा. राजीव बंसल ने बताया कि शी हाट जिला प्रशासन सिरमोर का ड्रीम प्रोजेक्ट है। यह एक अच्छा प्रयास है जो हिमाचल के अन्य जिलों व अन्य प्रदेशों को भी प्रेरणा देता है। नाबार्ड की मदद से व सैल्फ हैल्प ग्रुप की मदद से बेरोजगार महिलाओं को जीवन यापन करने के लिए मदद करना इस प्रोजेक्ट का मुख्य उद्देश्य है। इस प्रोजेक्ट में हिमाचल के स्थानीय उत्पादों का प्रयोग किया जा रहा है। यहां साफ सफाई का विशेष ध्यान रखा जाता है। बंसल ने बताया कि हिमाचल में चीड़ के पेड़ की पत्ती गिरने के बाद उस जमीन पर कुछ भी पैदा नहीं होता लेकिन से महिलाएं चीड़ की इन पत्तियों से बुनाई करके घरेलू सामान बना रही हैं। जिससे पर्यावरण सुरक्षित रहता है। महिलाओं के लिए रोजगार पैदा करने का यह अच्छा प्रोजेक्ट है। अन्य प्रदेश भी बेरोजगार महिलाओं के लिए इस तरह के प्रोजेक्ट चला कर महिला सशक्तिकरण कर सकती हैं।
Aluminium reclamation services Recycling aluminium sustainability Metal buyback program