सत्यखबर हिसार (विनोद सैनी) – संयुक्त जल संघर्ष समिति की बैठक स्थानीय जाट धर्मशाला में आयोजित की गई। ज्ञानी राम देवां व मास्टर दलीप सिंह गोरछी की संयुक्त अध्यक्षता में आयोजित इस बैठक में नहरी पानी के मुद्दे पर सरकार के साथ 20 बिन्दुओं पर हुए समझौते की समीक्षा की गई। बैठक में आये सैंकड़ों किसानों को नहरी पानी के बारे में जानकारी देते हुए संयुक्त जल संघर्ष समिति के प्रधान कुरड़ाराम नम्बरदार ने बताया कि सरकार के साथ जो 20 बिंदुओं पर समझौते हुए थे उनमें से 3 बिंदुओं पर सरकार अभी तक एक कदम भी आगे नहीं बढ़ पाई है।
खनोरी हेड से 225 क्यूसिक पानी देने, बरवाला ब्रांच, बालसमन्द ब्रांच की रिमॉडलिंग करना व सिरसा ब्रांच को नीचा करने का काम अभी तक बकाया है। खनोरी हेड पर रेजिंग करवाने के लिए पंजाब सरकार को पैसा व राजस्थान की तरफ से एनओसी देने की बाद भी काम शुरू नहीं किया गया है।इसके इलावा बरसाती सीजन में लगातार पानी देने के लिए भी सरकार कोई पुख्ता प्रबंध नहीं कर पाई है। मीटिंग में कुरड़ाराम नम्बरदार ने न्यू सिवानी फीडर निर्माण व बालसमन्द ब्रांच की रिमॉडलिंग प्रक्रिया को भी जल्द पूरा करने की मांग भी उठाई।
नम्बरदार ने कहा कि संयुक्त जल संघर्ष समिति बकाया मुद्दों पर कार्रवाई के लिए 3 बार मुख्यमंत्री से मिलने का समय मांग चुकी है लेकिन मुख्यमंत्री की तरफ से उनको समय नहीं दिया जा रहा, अगर 12 दिसम्बर को कमेटी की पंचकूला में होने वाली समीक्षा बैठक में भी मुख्यमंत्री ने मुलाकात का समय नहीं दिया तो इसके बाद बड़ा फैसला लिया जाएगा। किसानों के संघर्ष के कारण कुछ फायदा तो हुआ है लेकिन मुख्य काम बकाया हैं। लेट लतीफी के कारण कुछ महीने में पूरा होने वाले कामों को भी लटकाकर लेट किया जा रहा है जिसका खामियाजा किसानों को भुगतना पड़ रहा है।
20 साल से संघर्ष कर रहे हैं किसान
किसानों को समस्या है कि सरकार उनके हिस्से का पानी नहीं दे रही है। 2000 के बाद से विभिन्न सरकारों ने समय समय पर राजनीतिक फायदे के तहत बरवाला ब्रांच से कई माइनर व फीडर जोड़ दिए जिससे टेलों पर पानी पहुंचना बन्द हो गया। इसके इलावा उनको दो सप्ताह की बजाय सिर्फ एक सप्ताह पानी मिलने लगा जिससे बरवाला ब्रांच से जुड़े एरिया में खेती कम होने लगी और इस एरिया के किसान बर्बादी की कगार पर पहुंच गए। नहर की क्षमता बढ़ाकर अपने हिस्से का पानी लेने के लिए किसान कई वर्षों से संघर्ष कर रहे हैं।
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