सत्यखबर, नरवाना (सन्दीप श्योरान) :-
नरवाना के मोरपत्ति मोहल्ला में 28 वर्षीय नरेंद्र मोर उर्फ मादी की शुक्रवार शाम को हत्या कर दी गई थी। जिसके बाद पुलिस शव को नागरिक अस्पताल में पोस्टमार्टम करवाने के लिए ले आई थी। लेकिन मृतक नरेंद्र मोर उर्फ मादी की हत्या में शामिल आरोपितों की गिरफ्तारी के लिए स्वजनों ने मृतक के शव नागरिक अस्पताल से ले जाने से मना कर दिया। स्वजनों द्वारा शव ले जाने से इनकार करने के बाद नागरिक अस्पताल में भारी पुलिस बल तैनात कर दिया गया था, कहीं स्वजन हंगामा न कर दें। वहीं मृतक नरेंद्र मोर के शव को स्वजन अस्पताल में ही छोड़कर घर आ गये थे। स्वजनों के घर आने के बाद पुलिस प्रशासन उनको मनाने के लिए घर भी पहुंचा, लेकिन मृतक का भाई सुरेंद्र उर्फ लीला आरोपितों की गिरफ्तारी और उसकी सुरक्षा के लिए गनमैन मुहैया करवाने की मांग पर अड़ा रहा। लेकिन सुबह से शाम तक प्रशासन का मृतक के स्वजनों से बातचीत का दौर चलता रहा। वहीं सीआइ जींद के इंचार्ज वीरेंद्र खर्ब व सदर एसएचओ महेंद्र सिंह शाम के समय नरेंद्र मोर के स्वजनों को मनाने के लिए पहुंचे। जहां पर सुरेंद्र उर्फ लीला ने पुलिस प्रशासन को कहा कि जब तक आरोपितों की गिरफ्तारी नहीं हो जाती और उसको सुरक्षा नहीं मिलती, तब तक शव का अंतिम संस्कार नहीं करेंगे। आखिरकार पुलिस और मृतक के स्वजनों में सहमति बनी। पुलिस प्रशासन ने सुरेंद्र की मांगों का मान लिया, जिसके बाद सुरेंद्र ने कागजी कारवाई पूरी करने की हामी भरी। जिससे पुलिस प्रशासन ने राहत की सांस ली।
3 महिलाओं सहित 13 पर मामला दर्ज
मोरपत्ति मोहल्ला वासी नरेंद्र मोर की हत्या में शामिल पुलिस ने मृतक के भाई सुरेंद्र के बयान पर 3 महिलाओं सहित 13 पर हत्या, हत्या का प्रयास, आपराधिक षडयंत्र, शस्त्र अधिनियिम के तहत मामला दर्ज किया है। सुरेंद्र उर्फ लीला ने पुलिस को बताया कि उसका भाई नरेंद्र मोर उर्फ मादी घर के बाहर गली में बैठा था, तो 2 बाइकों पर जगदीप उर्फ गगड़ सहित 5 युवक आये और उनके हाथों में पिस्तौलें थी। उन्होंने आते ही उसके भाई पर गोलियों की बौछार कर दी, जिसमें नरेंद्र को 3 गोलियां लगने से मौत हो गई और गोद में खेल रहे बच्चा बाल-बाल बच गया। उसने बताया कि उसके पिता धर्मपाल ने नरेंद्र को बचाने के लिए ईंट से वार किया। लेकिन वे बाइक को मौके पर छोड़कर पैदल फरार हो गये। सुरेंद्र ने बताया कि उसके भाई की हत्या मेें मोरपत्ति मोहल्ला वासी जगदीप उर्फ गगड़, ऋषिया, ऋषिया का छोटा लड़का, भीरा का बड़ा लड़का, भीरा, मिढा, जींदू, भागा, रविंद्र, भागा, ऋषिया की पत्नी, मिढा की पत्नी, भीरा की पत्नी आदि शामिल हैं। पुलिस ने सुरेंद्र के बयान पर मामला दर्ज कर कारवाई शुरू कर दी।
इन बातों पर बनी सहमति
सुरेंद्र उर्फ लीला ने उसके भाई की हत्या में शामिल लोगों की गिरफ्तारी और सुरक्षा की मांग की थी, तो पुलिस प्रशासन के साथ सहमति बनी, तो डीएसपी साधुराम ने मृतक के स्वजनों की मांग को मानते हुए लिखित में आश्वासन दिया कि जब तक पीडि़त पक्ष को आवश्यकता हो, सुरक्षा मुहैया करवाई जाये। जब तक पीडि़त का लाइसेंस असला न बन जाये। इसी प्रकार पीडि़त द्वारा दर्ज करवाई गई एफआइआर में किसी भी प्रकार की छेड़छाड़ ना की जाये।
पिस्तौल दिखाकर बाइक छीनकर भागे आरोपित
नरेंद्र मोर उर्फ मादी को गोलियां मारने के बाद आरोपित जगदीप उर्फ गगड़ व अन्य युवक पैदल ही धरौदी रोड़ की ओर भाग गये थे। जिसके बाद उन्होंने दूध लेने के लिए बाइक पर आ रहे एक व्यक्ति को पिस्तौल दिखाकर बाइक छीन ली और हवा में पिस्तौल लहराते हुए फरार हो गये।
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