सत्यखबर, दिल्ली
दिल्ली-यूपी के गाजीपुर बार्डर पर जिस जगह से दिल्ली पुलिस ने शुक्रवार देर रात कड़ी मशक्कत कर बैरिकेड हटाए थे, वहां पर शनिवार सुबह हैरान करने वाली तस्वीरें सामने आईं। गाजीपुर बार्डर पर जिस जगह से बैरिकेड हटाए गए हैं, वहां पर शनिवार सुबह किसान प्रदर्शनकारियों ने टेंट लगाकर खाट (चारपाई) लगा दी है। इस बाबत तस्वीरें भी वायरल हो रही हैं, जिसमें किसान खाट पर लेटे हैं। इसके अलावा, किसान पूर्व की भांति यूपी गेट पर पूरी तरह काबिज हैं और आम रास्ता रोका हुआ है।एक तरह से किसान प्रदर्शनकारियों की यह हरकत सुप्रीम कोर्ट के आदेशों की अवहेलना है, क्योंकि कोर्ट पहले ही कह चुका है रास्ते नहीं रोके जाने चाहिए। अब किसान आम लोगों का रास्ता रोक रहे हैं। राकेश टिकैत समेत सभी नेता कह रहे है कि दिल्ली पुलिस ने रास्ता रोका है। अब किसान खाट डालकर सुप्रीम कोर्ट के आदेश की भी अवहेलना कर रहे हैं। दिल्ली-एनसीआर के गाजीपुर बार्डर पर पिछले 11 महीने से भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत की अगुवाई में यूपी के किसानों का प्रदर्शन जारी है। दिल्ली आने-जाने वाले रास्तों पर कब्जा करके बैठे किसान प्रदर्शनकारियों ने सैकड़ों टेंट लगाए हैं।
दिल्ली पुलिस द्वारा बैरिकेड तो हटाए गए, लेकिन प्रदर्शनकारियों का शुक्रवार को भी यूपी गेट पर कब्जा रहा। पुलिस कार्रवाई के दौरान भी प्रदर्शनकारी अपने टेंटों में आराम से बैठे रहे। इस दौरान किसान प्रदर्शनकारियों ने अपने चारों चेकपोस्टों पर खुद का शासन चलाया। दिल्ली जाने के लिए पहुंचे वाहन चालकों को चेकपोस्टों से ही बैरंग लौटा दिया। चालकों को अन्य रास्तों से होकर दिल्ली जाना पड़ा। प्रदर्शनकारियों ने दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे पर खोड़ा के पास बैरिकेड लगाकर दिल्ली जाने वाला रास्ता बंद कर रखा है। खोड़ा के पास ही राष्ट्रीय राजमार्ग-नौ की दिल्ली जाने वाली लेन पर चेकपोस्ट बना रखा है। चालकों को यहां वापस भेजे जाने का सिलसिला शनिवार को भी जारी है।
यूपी बार्ड पर रास्ता खोलने की तैयारी हो रही है, लेकिन सिंघु बार्डर पर स्थिति जस की तस बनी हुई है। यहां डटे प्रदर्शनकारी बार्डर खोलने को तैयार नहीं हैं। यही कारण है कि अभी यहां से एक भी बैरिकेड को हटाया नहीं गया है। प्रदर्शनकारियों ने यहां टेंट की नगरी बना रखी है। वहीं जानकारों का कहना है कि रास्ते बंद होने से बवाना व नरेला औद्योगिक क्षेत्र का 20 फीसद कारोबार घटा है। वहीं सिंघु गांव में तो 24 घंटे यातायात जाम लगा रहता है ।
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