सत्यखबर, उचाना, सतीश शर्मा
: उचाना कोरोना महामारी को हराने के लिए डॉक्टरों के साथ-साथ हमारी पुलिस भी यौद्धा की तरह मैदान में डटी हुई है। अपनी सुरक्षा की चिता किए बिना पुलिस 12 से 16 घंटे बिना रेस्ट किए ड्यूटी कर रही है। कानून व्यवस्था बनाए रखने के साथ-साथ लॉकडाउन का पालन करवाना भी पुलिस की प्राथमिकता है। थाना उचाना में ड्यूटी पर तैनात महिला पुलिस कर्मचारी मोनिका भी बधाई की पात्र हैं । ये महिला पुलिस कर्मचारी मैदान में उतरकर कोरोना को हराने के लिए फ्रंटलाइन पर डटी हुई हैं। कांस्टेबल मोनिका कहती हैं कि इस समय कोरोना के संक्रमण से दूसरों को बचाने के लिए पुलिस के सामने खुद को बचाना भी चुनौती से कम नहीं है , जो भी हो इसकी मेहनत ने घर से गायब हुई मानसिक रूप से परेशान एक महिला को उसके परिजनों से मिलवाने का काम कर दिया है। कांस्टेबल मोनिका ने बताया की गत 11 जून को मानसिक रूप से परेशान एक महिला अपने घर से निकल आई और इधर-उधर भटकने लगी।
उचाना थाना पुलिस को यह महिला गांव बड़ौदा के पास मिली। जिस पर इस महिला को एसडीएम राजेश खोथ के समक्ष पेश किया गया। पूछताछ में महिला कुछ भी बताने में असमर्थ मिली। जिस पर उस महिला को उचाना स्थित नागरिक अस्पताल में महिला को क्वारंटाइन कर दिया गया। इसके बाद महिला के परिजनों की तलाश शुरू हुई। इस दौरान गायब हुई महिला के परिजनों ने बाकायदा पोस्टर भी चस्पा किए गए। पुलिस की यह मेहनत रंग लाई और इस पोस्टर की मदद से महिला की पहचान गांव मंगलपुर निवासी रल्दू की पत्नी कविता के रूप में हुई। जिस पर तुरंत प्रभाव से महिला के परिजनों से फोन पर बातचीत की गई और एसडीएम राजेश खोथ के नेतृत्व में महिला को परिजनों के हवाले कर दिया गया। इस नेक काम के लिए समाज भी सलाम कर रहा है ।
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