सत्यखबर
एलोपैथी चिकित्सा पद्धति को लेकर बाबा रामदेव ने जो बयान दिया था, वो मामला अभी शांत भी नहीं हुई था, बाबा ने अब ज्योतिष को लेकर एक विवादित बयान दे दिया है. ऐसे में डॉक्टरों के साथ ज्योतिषाचार्यों ने बाबा के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. ज्योतिषाचार्यों ने बाबा रामदेव ने ज्योतिष को लेकर जो बयान दिया है, उसे ज्योतिषाचार्यों ने सनातन धर्म पर कुठाराघात बताया है. कुछ ज्योतिषियों ने यहां तक कहा है कि बाबा रामदेव अपना मानसिक संतुलन खो बैठे हैं या फिर उन्हें अहंकार आ गया है.. दरअसल बाबा रामदेव ने एक कार्यक्रम में एलोपैथी चिकित्सा पद्धति के बाद ज्योतिष पर भी सवाल खड़े किए है.
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उन्होंने कहा है कि सारे मुहूर्त भगवान ने बना रखे हैं, लेकिन ज्योतिषी काल, घड़ी और मुहूर्त के नाम पर लोगों को बनाते रहते हैं. बाबा रामदेव ने तो यहां तक कह दिया है कि ज्योतिषी कोई छोटी-मोटी इंडस्ट्री नहीं है, बल्कि ज्योतिषी एक लाख करोड़ रुपये की इंडस्ट्री है.. यही नहीं बाबा रामदेव ने अपने साधकों से बात करने के दौरान कहा कि ज्योतिष कुछ नहीं है, अगर ज्योतिष कुछ होता तो नोटबंदी, कोरोना संक्रमण और अब ब्लैक फंगस के बारे में पहले भविष्यवाणी क्यों नहीं की? ज्योतिषाचार्य सुभाष जोशी ने बताया कि ज्योतिष एक विज्ञान है. ऐसे में ज्योतिष को लेकर अगर कोई अनर्गल बात करता है तो वो देशभर में ज्योतिष को लेकर एक भ्रम की स्थिति पैदा कर रहा है. जोकि सनातन धर्म के खिलाफ है. साथ ही सुभाष जोशी ने बताया कि 64 विद्याओं में से ज्योतिष एक विद्या है. ज्योतिष एक प्रमाणिक विद्या है. ऐसे में ज्योतिष को लेकर इस तरह का बयानबाजी करना सनातन धर्म पर कुठाराघात करने जैसा है.ज्योतिष आचार्य मनोज ने कहा कि बाबा रामदेव आर्य समाज से ताल्लुक रखते है. आर्य समाज ज्योतिष को पाखंड समझता है. बाबा रामदेव जिस तरह की बयानबाजी कर रहे हैं, उससे तो यही लगता है कि बाबा रामदेव अपना मानसिक संतुलन खो बैठे हैं या फिर उनमें अहंकार आ गया है. उनकी उपलब्धि में बहुत सारे लोगों का सहयोग रहा है, ऐसे में उन्हें सभी का सम्मान करना चाहिए.
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