सत्यखबर, दिल्ली
अयोध्या में रामलला मंदिर (Ayodhya Ram Mandir) निर्माण के लिए जमीन खरीद के दौरान भ्रष्टाचार के आरोप लगते रहे हैं. अब राम मंदिर से जुड़े मुकदमे में हिंदू पक्षकारों में शामिल रहे स्वर्गीय अभिराम दास के शिष्य और धर्मदास ने अभी जमीन खरीद-फरोख्त में भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाए हैं. रामलला के मंदिर निर्माण के विस्तारीकरण के लिए श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट (Shri Ram Janambhoomi Teerth Kshetra Trust)ने जो जमीन खरीदी हैं उन सौदों में भारी गड़बड़ी के आरोप लगाए गए हैं. धर्मदास ने जमीन बेचने वाले, खरीदने वाले और इस दौरान गवाह रहे लोगों के खिलाफ थाने में तहरीर भी दी है. हालांकि फ़िलहाल इस संबंध में कोई मामला दर्ज नहीं किया गया है.
राम मंदिर मामले में हिंदू पक्षकार रहे धर्मदास ने 4 जमीनों की खरीद-फरोख्त में भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाए हैं. धर्मदास ने आरोप लगाया कि राम मंदिर निर्माण के लिए एकत्रित समर्पण निधि का दुरुपयोग किया जा रहा है और ट्रस्ट के लोग ही इसमें शामिल हैं. नजूल की जमीन भी खरीदी बेचीं जा रही है जिसे बेचने और खरीदने का अधिकार केवल सरकार के पास होता है. इसमें संबंधित रजिस्ट्रार का नाम भी तहरीर में शामिल किया गया है.
धर्मदास ने इस तहरीर में श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महामंत्री व ट्रस्ट के सदस्य डॉ अनिल मिश्रा, ट्रस्ट के समस्त पदाधिकारी और सदस्य, जमीन की खरीद-फरोख्त मामले में गवाह जिसमें कई अयोध्या के वरिष्ठ नेताओं का भी नाम है और गोसाईगंज के विधायक इंद्र प्रताप तिवारी उर्फ खब्बू तिवारी का नाम शामिल किया है. आरोप लगाया गया है कि ट्रस्ट सरकारी जमीन भी ऊंचे दामों पर फर्जी रजिस्ट्री वाले लोगों से खरीद रहा है. ज्यादातर जमीनें बाजार भाव से कई गुना कीमत पर खरीदी जा रही हैं. इस मामले में ट्रस्ट से जुड़े लोग, स्थानीय बीजेपी नेता और शहर के कई नामी व्यापारी भी शामिल हैं.
जानिए क्या है पूरा मामला
राम मंदिर निर्माण के लिए और वास्तु दोष समाप्त करने के लिए मंदिर के परकोटे को सीधा किया जाना है, जिसके लिए परकोटे की जद में आ रहे कई मठ, मंदिर और स्थानीय लोगों से उनके मकान और मंदिर खरीदे गए हैं. इस सब के लिए श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट, मंदिर बनाने के नाम पर जमा हुई समर्पण राशि का इस्तेमाल कर रहा है. जमीन की इस खरीद पर पहले भी सवाल उठे हैं और आरोप है कि ट्रस्ट के पैसे से जुड़े भ्रष्टाचार में अयोध्या के महापौर ऋषिकेश उपाध्याय और इलाके के कई भूमाफिया शामिल हैं. ट्रस्ट के द्वारा गठित कमेटी ने इस मामले की जांच कर खुद को क्लीन चिट भी दी थी.
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हालांकि अब कोर्ट में राम मंदिर के पक्षकार के रूप में केस लड़ने वाले अयोध्या के वरिष्ठ संत निर्वाणी अखाड़ा के श्री महंत और हनुमानगढ़ी के पंच महंत धर्मदास ने सामने आकर गंभीर आरोप लगाए हैं. धर्मदास ने श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय समेत ट्रस्ट के सभी सदस्य और ट्रस्टी तथा जमीन का खरीद-फरोख्त करने वाले लोग और जमीन खरीद-फरोख्त में गवाह की भूमिका निभाने वाले लोगों के खिलाफ राम जन्म जन्मभूमि थाने में तहरीर दी है.
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