सत्य खबर, नई दिल्ली
रूस-यूक्रेन महायुद्व को लेकर जहां रूस को दुनिय भर में आलोचना का सामना करना पड़ रहा है, वहीं रूस ने भारत को एक बड़ा तो तोहफा देकर नई चर्चाओं को जन्म दे दिया है। दरअसल रूस ने भारत के साथ महत्वपूर्ण करार पर हस्ताक्षर किए हैं. इस करार के तहत भारत के हवाई अड्डों के लिए रूस की एक बड़ी कंपनी लैंडिंग सिस्टम इंस्ट्रूमेंट मुहैया कराएगी. इसको लेकर एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया और रूस की कंपनी के बीच हस्ताक्षर हो गए हैं. दिल्ली स्थित रूस के दूतावास ने आधिकारिक बयान जारी कर बताया कि रूस की कंपनी, साइंटेफिक एंड प्रोडेक्शन कॉरपोरेशन-रेडियो टेक्नीकल सिस्टम का भारत के साथ जो करार हुआ है उसके मुताबिक, रूस की तरफ से आईएलएस-734 लैंडिंग सिस्टम के 34 सेट भारत के एयरपोर्ट्स के लिए दिए जाएंगे. रुपये और रूबल में होगा लेनदेन
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करार के मुताबिक ये 34 रेडियो सेट्स भारत के 24 अलग-अलग एयरपोर्ट पर लगाए जाएंगे. दूतावास के मुताबिक, इस साल नबम्बर के महीने से ये इक्यूपमेंट भारत को मिलने शुरु हो जाएंगे. इस करार के लेनदेन के लिए राष्ट्रीय मुद्राओं यानि रुपये और रूबल का इस्तेमाल किया जाएगा. बता दें कि एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया ने देश को 24 अलग-अलग हवाई अड्डों के आधुनिकिकरण के लिए इन लैंडिंग एक्यूपमेंट के लिए टेंडर निकाला था. जिसमें दुनियाभर में रेडियो सेट्स बनाने वाली बड़ी ग्लोबल कंपनियों ने हिस्सा लिया था. लेकिन ये टेंडर रूस की कंपनी के हाथ लगा है.
रूस के राजदूत ने कहा-व्यवसाय जरूरी है
भारत में रूस के राजदूत डेनिस अलीपोव ने कहा कि एनपीओ-आरटीएस और एएआई के बीच अनुबंध भारत में ग्राउंड-आधारित रेडियो उपकरणों के अत्यधिक प्रतिस्पर्धी बाजार में रूसी व्यवसाय के लिए एक ब्रेकथ्रू बन गया है.
उन्होंने कहा कि इसमें कोई संदेह नहीं है कि अनुबंध के सफल निष्पादन से भारतीय हवाई अड्डे के बुनियादी ढांचे के आधुनिकीकरण के लिए संयुक्त परियोजनाओं के कार्यान्वयन के नए अवसर खुलेंगे. रूसी राजदूत ने कहा कि एनपीओ-आरटीएस ने खुद को एक विश्वसनीय भागीदार के रूप में स्थापित किया है, जिसने जमीन-आधारित रेडियोउपकरणों की आपूर्ति के लिए दर्जनों परियोजनाओं को लागू किया है.
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