सत्यखबर, रोहतक
वो जिंदगी की भागदौड़ से तंग आ गए हैं। भगवान ही उनकी मौत के जिम्मेदार है। किसी दूसरे को पुलिस कसूरवार न ठहराए…। यह सुसाइड नोट लिखकर पंडित भगवत दयाल शर्मा स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय नर्सिंग कालेज के असिस्टेंट प्रोफेसर ने सल्फास की गोलियां खाकर आत्महत्या कर ली। उनकी पत्नी और बेटी के शव सेक्टर-दो स्थित जलघर टैंक में पुलिस ने बरामद किए हैं। एक बेटी पानी के टैंक से तैरकर बाहर आ गई और अपनी जान बचा ली।
पुलिस इस मामले में जांच कर रही है। जानकारी के अनुसार, सेक्टर-25 निवासी 35 वर्षीय डा. प्रमोद सहारण गुरुग्राम में परीक्षा देने गए थे। शाम को रोहतक पहुंचे और कन्हेली रोड स्थित सेक्टर-36 में उसने सल्फास की गोलियां खा लीं। इसके बाद पीजीआइ में साथी चिकित्सक को फोन किया। उनके साथी ने मौके पर पहुंच देखा तो प्रमोद बदहवास थे, उन्हें पीजीआइ में भर्ती कराया गया, जहां उपचार के दौरान उनकी मौत हो गई।
इसकी सूचना घर में पत्नी मीनाक्षी को लगी। वह काहनौर में बायोलॉजी की लेक्चरर है। वह अपनी दो बेटियों को स्कूटी लेकर हड़बड़ाहट में घर से निकल गई। पड़ोसियों ने उसे रोकने का प्रयास किया, लेकिन सफल नहीं हुए। शिवाजी कालोनी थाना पुलिस ने डा. प्रमोद की कार की जांच की तो उसमें सुसाइड नोट मिला, जिसकी मौत के जिम्मेदार भगवान को ठहराया गया है। इसके बाद पत्नी और दो बेटियों की तलाश में पुलिस और परिचित रातभर दौड़ते रहे। देर रात सेक्टर-2 स्थित जलघर के टैंक के बाहर उसकी स्कूटी खड़ी मिली। वीरवार सुबह पत्नी मीनाक्षी और छोटी बेटी के शव बरामद हुए है।
पुलिस ने जांच की तो पता चला कि डा. प्रमोद की 11 वर्षीय बड़ी बेटी जलघर के टैंक से तैरकर किसी तरह किनारे पर पहुंची। इसके बाद वह किसी परिचत के पास गई और घटना के बारे में जानकारी दी। रातभर टैंक में पुलिस ने मां-बेटी की खोजबीन की, लेकिन सुबह दोनों के शव बरामद हुए।
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