सत्य खबर, नई दिल्ली
चारा घोटाला मामले में (Fodder Scam) आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad Yadav) की जमानत याचिका पर आज झारखंड हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. लालू प्रसाद को बेल या जेल के फैसले से पहले मामला दस्तावेजों को लेकर फंस गया. कोर्ट की ओर से तमाम जरूरी दस्तावेज मांगे गए. कोर्ट को याचिका में कुछ खामियां दिखीं. इसके बाद उसे पूरा करने के लिए कहा गया है. मामले में अगली सुनवाई 11 मार्च को होगी
डोरंडा कोषागार से 139 करोड़ की अवैध निकासी मामले में लालू प्रसाद को 5 साल की सजा और 60 लाख रुपए का जुर्माना लगाया गया है. इसके बाद उनके वकील ने सीबीआई कोर्टे के फैसले को चुनौती और जमानत के लिए याचिका दायर की थी. जिसपर आज झारखंड हाईकोर्ट में सुनवाई होनी थी. लेकिन दस्तावेज में खामियां पाए जाने के बाद अब जमानत अर्जी पर 11 मार्च को सुनवाई होगी.
मामले में लालू प्रसाद के वकील प्रभात कुमार ने कहा कि हमने आज कोर्ट में अपील दायर की. कोर्ट में दायर याचिका में दस्तावेज से जुड़ी सभी खामिंया दूर कर ली गई थी लेकिन ऑफिस रिपोर्ट शामिल नहीं किए जाने की वजह से अदालत ने मामले को अगले शुक्रवार के लिए सूचीबद्ध किया है.
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कई गंभीर बिमारियों से पीड़ित हैं लालू प्रसाद
बता दें के डोरंडा कोषागार से अवैध निकासी मामले में लालू सजा मिली है. लालू प्रसाद यादव के अधिवक्ता की ओर से उनकी उम्र और स्वास्थ्य का आधार बनाते हुए कोर्ट से जमानत देने की गुहार लगाई गई है. लालू प्रसाद कई गंभीर बिमारियों से पीड़ित हैं. उन्हें डायबिटीज, ब्लड प्रेशर, हृदय रोग, किडनी रोग, किडनी में स्टोन, तनाव, थैलेसीमिया, प्रोस्टेट का बढ़ना, यूरिक एसिड का बढ़ना, ब्रेन से सम्बंधित बीमारी, कमज़ोर इम्यूनिटी, दाहिने कंधे की हड्डी में दिक्कत, पैर की हड्डी की समस्या, आंख में दिक्कत है. यही वजह है कि कोर्ट ने उन्हें डॉक्टरों की निगरानी में रिम्म में रहने की राहत दी है.
क्या है डोरंडा कोषागार मामला
डोरंडा कोषागार मामला चारा घोटाला का सबसे चर्चित मामला है. इस मामले में डोरंडा कोषागार से 139 करोड़ की अवैध निकासी की गई थी. इस मामले में 400 सांड़ को हरियाणा और दिल्ली से कथित तौर पर स्कूटर और मोटरसाइकिल पर रांची तक ढोया गया था. ये अनोखा मामला 1990-92 के बीच सामने आया था. तब CBI ने जांच में पाया कि अफसरों और नेताओं ने मिलकर फर्जीवाड़े का अनोखा फॉमूर्ला तैयार किया. ताकि बिहार में अच्छी नस्ल की गाय और भैंसें पैदा की जा सकें पशुपालन विभाग ने 1990-92 के दौरान 2,35, 250 रुपए में 50 सांड़, 14, 04,825 रुपए में 163 सांड़ और 65 बछिया खरीदीं थी.
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