सत्य खबर
हमारे देश में शादी से पहले लड़का लड़की को एक साथ रहेना की मंजूरी ना तो समाज देता है और ना ही घरवाले, समाज का कहना है कि शादी से पहले एक साथ रहना हमारी संस्कृती में नहीं है इससे लोगों पर गलत असर पड़ेगा और समाज में गलत संकेत जाएगा| हमारे (संस्कार) संस्कृती के मुताबिक प्रेमी जोड़ा शादी के बाद ही एक साथ रहें सकता है|
बता दें कि एक प्रेमी जोड़ा लिवइन रिलेशनशिप में रह रहे थे जिसके चलते आस पड़ोस वालो ने उन्हें एक साथ रहेने से मन कर दिया और कहा कि अगर तुम्हे एक साथ रहेना है तो शादी करलो| जिसके बाद प्रेमी जोड़े ने अपनी सुरक्षा याचिका पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट में लगाई, लेकिन हाईकोर्ट ने उनकी याचिका खारिज कर दि है। हाईकोर्ट ने कहा कि लिव इन रिलेशनशिप एक ऐसा संबंध है जिसे समाज में न तो नैतिक और न ही सामाजिक तौर पर स्वीकार्यता दी जाती है। इस प्रकार के रिश्ते पर मोहर लगाकर हाईकोर्ट दोनों को सुरक्षा प्रदान नहीं कर सकता।
वहीं दूसरी ओर सुप्रीम कोर्ट कई मामलों में सहमति संबंधों में प्रेमी जोड़ों को सुरक्षा मुहैया करवाने को सही ठहरा चुका है। सुप्रीम कोर्ट ने कई मामलों में यह कहा है कि जब भारत सरकार सहमति संबंध को मंजूरी दे चुकी है और घरेलू हिंसा अधिनियम भी सहमति संबंध में लागू होता है तो इस तरह के मामलों में सुरक्षा देने में कोई बुराई नहीं है, लेकिन अब पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने लिव इन रिलेशनशिप सामाजिक और नैतिक तौर पर स्वीकार नहीं किया यानि बिना शादी के प्रेमी जोड़े एक साथ नहीं रह सकते है।
Scrap aluminium product reclamation Aluminium recycling center services Scrap metal repackaging
Metal recovery facility Ferrous material classification systems Iron reclamation depot
Ferrous waste inspections, Iron scrap recycling depot, Scrap metal resale