सत्यखबर, नरवाना (सन्दीप श्योरान) :-
जब से लॉकडाउन लगा है, तब से नरवाना दुर्गा शक्ति प्रभारी राजबाला सुबह 8 बजे पीसीआर पर ड्यूटी के लिए निकल पड़ती है और फिर शाम को 6 बजे ही घर पहुंचती है। इस दौरान उनके बेटा और बेटी दोनों नौनिहाल सास-ससुर की देखरेख में रहते हैं। ड्यूटी समय के बाद इस कोरोना योद्धा का खुद मॉस्क बना कर वितरित करना भी उनकी दिनचर्या में समाया हुआ है। यहां तक कि जरूरतमंदों को भोजन वितरित करने वाली एक सामाजिक संस्था को वह सामथ्र्य अनुसार भोजन बनाकर देती है। पीसीआर पर ड्यूटी के दौरान वह लोगों को सामाजिक दूरी बनाए रखने की अपील करती है, तो बिना मॉस्क के बाहर निकले व्यक्तियों को मॉस्क प्रदान करती है। आवश्यक वस्तुओं लेने आए भीड़ वाली जगहों पर जरूरत अनुसार सेनेटाइजर से उनके हाथ साफ करवाती है। लॉकडाउन में उनकी ड्यूटी बेशक बढ़ गई हो, लेकिन उन्होंने कभी इसका दबाव नहीं माना। उनका कहना है कि आराम से जीवन-बसर करने को तो सारी जिंदगी पड़ी है, लेकिन यदि हमने कोरोना को देश से भगा दिया, तो यह एक बहुत बड़ी उपलब्धि होगी। शायद, पुलिस की कठिन ड्यूटी के साथ-साथ मॉस्क बनाकर वितरित करना और भूखों को भोजन बना कर देना, उनकी इसी परोपकार की भावना को दर्शाता है।
Scrap aluminium sustainability certification Aluminium reclamation Metal reclaiming and repurposing