सत्या खबर , दिल्ली
अगर आप पुराना वाहन खरीद या बेच रहे हैं, तो अक्सर उसके रजिस्ट्रेशन को ट्रांसफर करने में काफी दिक्कत होती हैं. कोई भी सेकंड हैंड वाहन खरीदने के बाद आपको उसकी RC को अपने नाम ट्रांसफर करवाने की जरूरत पड़ती है. जब तक आप ओनरशिप अपने नाम ट्रांसफर नहीं करेंगे. तब तक आप कानूनी तौर पर उस वाहन के मालिक नहीं बन पाएंगे. यहां आपको इससे संबंधित आसान तरीके बताने जा रहे हैं. आप आरटीओ जाएं और वहां जाकर सारा प्रोसेस करें. सभी डॉक्यूमेंट और फीस दें. फिर उनकी बताई गई तारीख पर जाकर अपना स्टेटस चेक करें. आपको बता दें कि किसी भी वाहन को बेचने के 14 दिन के बाद उसकी आरसी ट्रासंफर होना अनिवार्य होती है. 30 दिन के भीतर आरसी ट्रांसफर होकर स्मार्ट कार्ड के रूप में दिए गए पते पर भेज दी जाती है. अगर वाहन को एक राज्य से दूसरे राज्य में ट्रांसफर किया जाता है तो फॉर्म 28 का उपयोग किया जाता है..
ये ऑनलाइन तरीका–
– वाहन रजिस्ट्रेशन ट्रांसफर करने के लिए आपको सबसे पहले Ministry of Transport Highway की वेबसाइट (https://parivahan.gov.in/parivahan/) पर जाना होगा.
– इस वेबसाइट पर जाने के बाद आपको अपना नाम, मोबाइल नंबर, ईमेल आईडी आदि डालकर अपना अकाउंट बनाना है.
– अकाउंट बनाने के बाद आपको Online Service पर क्लिक करना है और इसके अंदर आपको Vehicle Releted service पर क्लिक करना है.
– अब आपके सामने एक Application Form खुलेगा, जिसमें आपको अपने वाहन का रजिस्ट्रेशन नंबर, Chechis number डालकर OTP क्रिएट करना होगा. ये OTP आपके Mobile Number पर ही आएगा.
– OTP डालने के बाद आपके सामने एक नया पेज आ जाएगा. जिसमें आपको Transfer of Ownership पर क्लिक करना है. इसके बाद आपको सबमिट बटन पर क्लिक करना है.
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– Submit करने के बाद आपके सामने एक और Form आएगा, जिसमें आपसे आपके वाहन और रजिस्ट्रेशन की जानकारी देनी होगी.
इसके बाद आपको Form को फिर से सबमिट करना होगा. फिर आपको अपनी सुविधानुसार RTO ऑफिस से एप्लाइंटमेंट
की तारीख लेनी है. इसके बाद उस पर संबंधित डॉक्यूमेंटस लेकर आरटीओ ऑफिस जाना है. आपको इस सारे काम की फीस भी देनी होगी.
आरटीओ से आपको कुछ फॉर्म दिये जाते हैं, जैसे फॉर्म 29, 30, 35, 36. इनमें फॉर्म 29, 30 सेल लेटर के होते हैं और फॉर्म नंबर 30 Hypothecation Terminated के लिए होता है.
इन सभी Form का प्रिंटआउट पर आपको और वाहन लेने वाले को हस्ताक्षर करना होता है और उसे फिर से आरटीओ में जमा करना होता है. जिसके बाद आरटीओ द्वारा उस व्यक्ति के नाम पर RC जारी कर दिया जाता है जिसे आपने गाड़ी बेची है.
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