सत्यखबर
हेल्थ सिस्टम को सुधारने में नाकाम खट्टर सरकार का एक और नया शिगुफा सामने आया है। गरीबी रेखा से नीचे जीवनयापन करने वाले परिवार के सदस्य अगर कोरोना संक्रमित होते हैं तो उनके इलाज का सारा खर्च सरकार उठाएगी. ये लाभ उन बीपीएल परिवारों को मिलेगा जो आयुष्मान भारत योजना में शामिल नहीं हैं..इससे पहले भी हरियाणा सरकार बीपीएल परिवारों को बड़ी राहत दे चुकी है. सरकार ने बीपीएल परिवारों के मरीजों के लिए 35 हजार रुपये तक की वित्तीय सहायता देने की घोषणा की थी. उधऱ, लोगों ने सर
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गौरतलब है कि सूबे के अस्पतालों में काफी मरीजों की लापरवाही के चलते मौत हो चुकी है। हालांकि इससे पहले सीएम खुद कह चुके हैं कि उनके चीखें मारने से मरने वाले जिंदा तो नहीं हो जाएंगे। अब अपनी खाल बचाने के लिए खट्टर सरकार शिगुफेबाजी में जुट गई। सरकार की चुस्ती का ये आलम है लोक निर्माण विभाग की तरफ से निर्माण किए गए कोविड अस्पतालों में अव्यवस्थाओं का अंबार लगा हुआ है। वहीं गुरुग्राम के कोविड अस्पताल में तो 2 फूट तक पानी भर गया है। जिसके चलते प्रशासन ने अब खुद कोविड अस्पताल पर ताला लटका दिया है।आपको बता दें कि शुक्रवार को सीएम मनोहर लाल ने कोरोना के हालात पर प्रशासनिक सचिवों व सभी जिला उपायुक्तों के साथ समीक्षा बैठक की. ब्लैक फंगस बीमारी के इलाज के लिए हर मेडिकल कॉलेज में कम से कम 20 बेड अब रिजर्व रखे जाएंगे.ये भी फैसला लिया गया कि गांवों में डोर-टू-डोर दौरा करने वाली टीमों में शामिल सदस्यों का प्राथमिकता से वैक्सीनेशन किया जाएगा. उन्होंने अधिकारियों को वैक्सीनेशन सुनिश्चित करने के निर्देश दिए. कोविड-19 के बाद होने वाली समस्याओं के समाधान के लिए विशेष क्लीनिक बनाए जाएं. सीएम मनोहर लाल ने कहा कि अब तक लगभग 10 हजार ऑक्सीजन सिलेंडर होम आइसोलेशन मरीजों के घर पर पहुंचाए गए हैं.
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