सत्य खबर, लखनऊ
उत्तर प्रदेश के जहूराबाद विधायक एवं सुभासपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर को शासन के निर्देश पर वाई श्रेणी की सुरक्षा प्रदान की गई है। इसको लेकर राजनीतिक गलियारे में अटकलों का बाजार गर्म हो चुका है। आमजनों में भी चर्चा है कि सरकार द्वारा राजभर का ख्याल करना कहीं न कहीं आने वाले लोकसभा चुनाव को लेकर नया संकेत है।
सुभासपा ने विधानसभा चुनाव में सपा से गठबंधन किया था। इस दौरान सुभासपा अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर ने प्रदेश एवं केंद्र सरकार के खिलाफ जहां जमकर हमला बोला था। वहीं चुनाव में जहूूराबाद सीट से भारी अंतरों से जीत दर्जकर विरोधियों को पटखनी दी थी और राजभर समाज के सफल नेतृत्वकर्ता के रूप में खुद को साबित किया था। सपा के खिलाफ मुखर हैं ओमप्रकाश राजभर
आजमगढ़ और रामपुर लोकसभा उपचुनाव में सपा को मिली करारी हार के बाद से ही वह सपा के खिलाफ मुखर हैं। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव को नसीहत देने के साथ ही राष्ट्रपति चुनाव में भी विपक्ष के प्रत्याशी को समर्थन न देकर एनडीए प्रत्याशी द्रौपदी मुर्मू के पक्ष में खड़े रहे। इधर शासन के निर्देश पर गाजीपुर पुलिस ने उन्हें वाई श्रेणी की सुरक्षा प्रदान की है।
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ऐसे में आम जनों में चर्चा है कि सुरक्षा देने का मतलब धीरे-धीरे भाजपा से उनकी नजदीकी बढ़ती जा रही है, जो आने वाले लोकसभा में एक नया गुल खिलाने की ओर से इशारा कर रहा है। इस बारे में गाजीपुर पुलिस अधीक्षक रोहन पी बोत्रे ने बताया कि शासन के निर्देश पर तीन दिन पूर्व जहूराबाद विधायक ओमप्रकाश राजभर को वाई श्रेणी की सुरक्षा प्रदान की गई है। सपा से आजमगढ़ के मुस्लिम नाराज
सुभासपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर खुलकर सपा पर प्रहार करने लगे हैं। उन्होंने कहा कि रामपुर और आजमगढ़ की सीट पर उप चुनाव हारने के पीछे मुस्लिम वोटों का समाजवादी पार्टी से कटना है। आजमगढ़ में गुड्डु जमाली को पार्टी में बुलाकर धोखा दिया गया। सपा में पहले भाई, उसके बाद जो भाजपा को हराई, तब सपाई की पूछ है। इस रवैये से आजमगढ़ के मुस्लिम नाराज हो गए। राजभर ने आगे कहा कि मायावती ने गुड्डु जमाली को बुलाकर बसपा का टिकट दे दिया। इससे 60-70 हजार मुस्लिम वोट बसपा को मिल गए, जबकि हमने वोट के फासले को कम करने के लिए भरपूर मेहनत की। फोन पर बातचीत में उन्होंने कहा कि उप चुनाव के दौरान पार्टी के सेनापति एसी से नहीं निकले। इसका भी असर चुनाव पर पड़ा।
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