क्या सफीदों में दहशत फैलाने की हो रही कोशिश
क्या फिरौती जैसे झूठे मुकदमे दर्ज करवाने की कोशिश में लोग
या फिर पुलिस अपराधों को दबाने के लिए नहीं दर्ज कर रही मुकदमा
सत्यख़बर, सफीदो
यह तीन बड़े सवाल हैं जो बुधवार को सफीदों के एक निजी अस्पताल के मालिक से फिरौती मांगने की बात सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद उठ रहे हैं। पुलिस ने शाम होते होते इस मामले में मारपीट का मुकदमा दर्ज किया है । वही पत्रकारों के सामने डॉक्टर ने फिरौती मांगने की बात कही थी ।
पत्रकारों से बात करते हुए डॉक्टर ने बताया कि उनसे 4 से 5 लाख रुपए की फिरौती की मांग की गई। यूको ने आकर उनके केबिन की कुंडी लगा दी और उनसे फिरौती की मांग की इसी दौरान युवकों ने जेब से कोई हथियार निकालने की कोशिश भी की लेकिन उन्होंने बदमाशों को तुरंत काबू में कर लिया।
लेकिन थाने में जाकर पीड़ित डॉक्टर ने मामूली मारपीट की शिकायत लिख कर दी और उस पर पुलिस ने वही मुकदमा भी दर्ज किया ।खुद थाना प्रभारी ने पत्रकारों से कहा कि यह फिरौती जैसा कोई मामला नहीं है मारपीट का मामला है और हमने मामला दर्ज कर कार्रवाई शुरू कर दी है।
हालांकि बताया यह जा रहा है कि जिन दो युवकों को पुलिस ने हिरासत में लिया वह दोनों युवक बुड्ढा खेड़ा गांव के किसान परिवार से संबंध रखते हैं ।
शराब के नशे में जब एक युवक के पेट में दर्द हुआ तो अस्पताल में दवाई लेने गए थे, वही ज्यादा शराब का नशा होने की वजह से डॉक्टर से कहासुनी हो गई। जिसके बाद डॉक्टर और उसके स्टाफ ने उन युवकों की जमकर पिटाई की और फिर पुलिस के हवाले कर दिया। घटना के समय युवक नशे में इतने धुत थे कि घटना के डेढ़ घंटे बाद भी थाने में उन्हें होश नहीं आया ।घटना के बाद मामले की सूचना पुलिस के साथ-साथ पत्रकारों को दी गई जहां डॉक्टर ने फिरौती मांगने की बात कही।
इस पूरी घटना के बाद यहां 2 सवाल उठते हैं क्या डॉक्टर ने मीडिया के सामने फिरौती मांगने का झूठा बयान देकर शहर में दहशत फैलाई या फिर पुलिस ने डॉक्टर पर दबाव बनाकर मामला बदल दिया ? डॉक्टर ने अपने बयान में कहा था कि उन युवकों ने हथियार जेब से निकालने की कोशिश की लेकिन उन युवकों की जेब से कुछ भी बरामद नहीं हुआ।
इस घटना के बाद शहर भर में इस मामले की चर्चा रही कि फिर से फिरौती मांगी गई है। जिसकी वजह से व्यापारियों में और आम लोगों में दहशत का माहौल दिखाई दिया। ऐसे में अब पुलिस को पूरी सच्चाई लोगों के सामने रखनी चाहिए क्योंकि जिस प्रकार से पिछले एक माह में अपराध का ग्राफ सफीदों में बढ़ा है कम से कम यह घटना तो बड़े अपराध से न जुड़े ।अब देखना यह होगा इस मामले का पटाक्षेप पुलिस करती है या नहीं ?
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