सत्यख़बर डेस्क
वैक्सीन संकट अभी भी देश भर में व्याप्त है। कई राज्यों ने तो खुलकर कहा है लेकिन केंद्र सरकार यह मानने को तैयार नहीं है। हालाँकि टीकाकरण में गिरावट ने इस दावे की पोल खोल दी है। प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के अनुरोध पर देश भर में टीकाकरण बढ़ाने के लिए एक वैक्सीन उत्सव का शुभारंभ किया गया था।
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मोदी ने 11 से 14 अप्रैल तक देश भर में वैक्सीन महोत्सव मनाने की घोषणा की थी। खूब प्रचार हुआ। उन्होंने केंद्रीय मंत्रियों से लेकर विधायकों तक से टीकाकरण करवाने की अपील की लेकिन नतीजा इसके विपरीत रहा। 11 से 14 अप्रैल के बीच टीकाकरण बढ़ने के बजाय 12% तक कम हो गया।
टीकाकरण उत्सव के दौरान यानी 11 से 14 अप्रैल के बीच देश भर में वैक्सीन की 99.64 लाख खुराक दी गई। इससे पहले 1.13 करोड़ वैक्सीन 7 से 10 अप्रैल के बीच, 1.10 करोड़ 3 अप्रैल से 6 मार्च के बीच और 99.99 लाख टीके 30 मार्च से 2 अप्रैल के बीच दिए गए थे। आंकड़े बताते हैं कि वैक्सीन समारोह में ही टीकाकरण में उल्लेखनीय कमी आई है जबकि त्योहार का उद्देश्य टीकाकरण में वृद्धि करना था।
मोदी ने 11 अप्रैल को वैक्सीन फेस्टिवल का उद्घाटन किया और कहा ” आज, 11 अप्रैल को ज्योतिबा फुले जयंती के अवसर पर हम देश वैक्सीन उत्सव शुरू कर रहे हैं। यह महोत्सव 14 अप्रैल तक चलेगा यानी बाबासाहेब अंबेडकर की जयंती तक । उन्होंने लोगों से टीकाकरण मे भाग लेने की अपील की। उन्होंने कहा, ‘मैं देशवासियों से आग्रह करता हूं कि वे 4 चीजों का पालन करें – जिन लोगों को टीका लगवाने में मदद की जरूरत है उनकी मदद करें। COVID-19 उपचार वाले लोगों की मदद करें। मास्क पहनें और दूसरों को प्रेरित करें। यदि कोई पॉजिटिव पाया जाता है तो क्षेत्र में माइक्रो कंटेंटमेंट ज़ोन बनाएं। ‘
टीकाकरण में गिरावट के बीच हर्षवर्धन ने बुधवार को कहा कि देश में टीकों की कमी नहीं है । भारत सरकार हर राज्य को वैक्सीन प्रदान करती है। समय समय पर टीकाकरण केंद्रों पर टीके की आपूर्ति करना उन राज्यों का काम है। हालाकि कई राज्यों में फिर भी कालाबाजारी और केंद्र की लापरवाही की वजह से वैक्सीन कि कमी पाई गई है।
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