सत्यखबर,दिल्ली
चार मई के दिन दिल्ली के छत्रसाल स्टेडियम में पहलवानों की झड़प के बाद हुई पहलवान सागर धनकड़ की मौत मामले में क्राइम ब्रांच कोई भी कसर नहीं छोड़ रही है। वह सुशील कुमार से जुड़े हर पहलू पर जांच कर रही है, जिससे उसका केस मजबूत हो जाए।
वहीं सुशील को अपने रसूख पर इतना भरोसा है कि एक गलती जो उसने चार साल पहले की थी जिसकी उसे आज तक सजा नहीं हुई, उसी तरह सागर धनकड़ हत्याकांड में भी ठीक हो जाएगा। बता दें कि सुशील के खिलाफ दर्ज एक मामले को साढ़े चार वर्ष हो गए हैं, मगर अभी तक सुशील के खिलाफ चार्जशीट नहीं हुई है।
सागर हत्याकांड मामले की जांच कर रही अपराध शाखा ने मध्य जिला पुलिस से इस मामले की जानकारी मांगी है। दूसरी तरफ दिल्ली पुलिस अभी तक सुशील के खिलाफ एक पुख्ता गवाह तैयार तक नहीं कर पाई है। चार पीड़ित ही गवाह हैं और उनके कोर्ट में मुकर जाने की संभावना जताई जा रही है। इसके अलावा सुशील कुमार को अपने किए पर कोई पछवाता नहीं है।
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अपराध शाखा के अधिकारी ने बताया कि सुशील के खिलाफ आईपी एस्टेट थाने में मारपीट व रास्ता रोकने का मामला दर्ज है। सुशील के खिलाफ ये मामला वर्ष 2017 में दर्ज हुआ था। आईपी एस्टेट थाना इलाके में स्थित एक स्टेडियम में सुशील ने दूसरे पहलवान के साथ मारपीट की थी। इस मामले में मध्य जिला पुलिस ने अभी तक चार्जशीट दाखिल नहीं की है। ये केस साढ़े चार वर्ष बाद भी पेंडिंग चल रहा है। अपराध शाखा ने आईपी एस्टेट थाने से सुशील के खिलाफ दर्ज इस केस की पूरी जानकारी मांगी है। ताकि सागर हत्याकांड के केस को और मजबूत बनाया जा सके। दूसरी तरफ दिल्ली पुलिस सुशील के खिलाफ अभी तक कोई पुख्ता गवाह खड़ा नहीं कर पाई है। ऐसे में दिल्ली पुलिस की जांच पर सवाल उठ रहे हैं। सुशील व उसके साथियों ने जिन चार लोग सोनू महाल, भगतू, रविन्द्र भिंडा, अमित खागड़ को पीटा था वही चार गवाह हैं।
अपराध शाखा ने दो दिन पहले इन सब को बुलाकर फिर से इनके बयान लिए है। सोनू महाल व अन्य काला जठेड़ी के खास हैं और सुशील कुमार व काला जठेड़ी के बीच समझौता हो चुका है। ऐसे में माना जा रहा है कि ये चारों गवाह कभी भी अपनी गवाही से मुकर सकते हैं। सुशील वारदात के बाद से ही ये कोशिश कर रहा था कि सोनू महाल उसके खिलाफ गवाही न दें। पुलिस सूत्रों का कहना है कि वह अपने मंसूबों में कामयाब हो गया है।
वहीं अपराध शाखा के पुलिस अधिकारियों के अनुसार सुशील कुमार को अपने किए पर पछतावा नहीं है। सुशील इस बात से आश्वत दिखता है कि सबकुछ छह-सात महीने में ठीक हो जाएगा। वह अपराध शाखा के पुलिस अधिकारियों से यही कहता है। पुलिस को ये विश्वास है कि अभी तक उसके जितने भी पंगे हुए हैं वह कुछ ही महीने में ठीक हो गए थे। इस कारण उसे लगता है कि ये मामला भी सुलट जाएगा। सुशील पर आरोप है कि उसने कई पहलवानों के कैरियर के साथ खिलवाड़ किया है।
आपको बता दें कि अपराध शाखा इतने दिन बाद भी सुशील के मोबाइल को बरामद नहीं कर पाई है। सुशील ने पुलिस अधिकारियों को बताया है कि उसने वारदात के बाद मोबाइल को तोड़ दिया था और रास्ते में फेंक दिया था। सुशील पुलिस को ज्यादा कुछ नहीं बता रहा है। वह पूछताछ में सहयोग भी नहीं कर रहा है।
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