सीएम के गोद लिए गांव क्योड़क में विजिलेंस की रिपोर्ट आने से मामला फिर गरमाया, जानिए क्या है मामला
सत्यखबर कैथल (ब्यूरो रिपोर्ट) – कुछ माह पूर्व मुख्यमत्रीं के गोद लिए गांव क्योड़क में विकास कार्यो में सरपंच के दुवारा भर्ष्टाचार के आरोपों के विजिलेंस जाँच की रिपोर्ट आने के बाद एक बार फिर से मामला गरमा गया है। गौरतलब है कि कुछ माह पूर्व पंचायत के कुछ सदस्यों ने सरपंच पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए थे जिसके चलते पंचायती राज विभाग की विजिलेंस टीम गांव में पहुंची थी लेकिन विजिलेंस की टीम के गांव में पहुंचते ही दोनों पक्षों की ओर से सैंकड़ो ग्रामीणों के खड़े होने से विजिलेंस को बैरंग लौटना पड़ा था जिससे नाराज होकर सैंकड़ो ग्रामीणों और 10 पंचो ने शहर में प्रदर्शन कर तत्कालीन उपायुक्त को सामूहिक इस्तीफे सौंप दिए थे।
हालांकि जिला प्रशासन ने उनके इस्तीफे को मंजूर नहीं किए गए लेकिन जिला प्रशासन ने मामले की जांच करनाल विजलेंस को सौंप दी। अब महीनों बाद एक बार फिर से विजिलेंस दुवारा एक गली की रिपोर्ट आने से मामला गरमा गया है। गौरतलब है कि विजिलेंस की भेजी गई रिपोर्ट में मात्र एक गली में ₹91307 का का गोल माल दिखाया गया है। जिसके लिए सरपंच सहित चार अन्य अधिकारी इस भ्रष्टाचार के मामले में दोषी माने गए है। हालांकि विजिलेंस दुवारा अभी भी गांव के 350 गलियों की जाँच रिपोर्ट आनी बाकि है। एक गली की रिपोर्ट हाथ लगने के बाद एक बार फिर से गांव के पंचों ने आरटीआई एक्टिविस्ट सेठ पाल की अगवाई में मीडिया सेंटर में प्रेस वार्ता कर बताया की मात्र एक गली में ₹91307 से अधिक का भ्रष्टाचार मिला है और अगर गांव की लगभग 350 गलियों की रिपोर्ट आने से यह आंकड़ा करोडो तक पहुँच जाएगा।
वहीं जब इस बारे में गांव के सरपंच बलकार आर्य से बात की गई तो उन्होंने पंचों पर ही आरोप लगाते हुए कहा की राजकुमार पंच उससे विकास कार्य करने हेतु ठेके की मांग कर रहा था और नियमानुसार ना दिए जाने पर कुछ पंचो और आरटीआई एक्टिविस्ट के साथ मिलकर परेशान करने के लिये अलग अलग तरीके अपना रहा है। जबकि इस तरह की कोई रिपोर्ट मेरे पास नहीं आई है।