हरियाणा

सीएम, मंत्री व उच्चाधिकारियों ने मिलकर एक हजार करोड़ का किया घोटाला, सीबीआई जांच हो – मंदोला

सत्यखबर चंडीगढ़ (ब्यूरो रिपोर्ट) – जननायक जनता पार्टी के कर्मचारी प्रकोष्ठ ने रविवार को हरियाणा रोडवेज में एक हजार करोड़ के घोटाले की सीबीआई से जांच करवाने की मांग को लेकर पानीपत के मतलोडा में हल्ला बोलते हुए परिवहन मंत्री के निवास का घेराव किया। जजपा की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष फूलवती व कर्मचारी प्रकोष्ठ के प्रदेशाध्यक्ष संजीव मंदोला के नेतृत्व में हजारों कार्यकर्ताओं ने रोष प्रदर्शन करते सरकार के खिलाफ नारेबाजी की और तहसीलदार को राज्यपाल के नाम ज्ञापन सौंपा। इस दौरान जजपा नेताओं ने अल्टीमेटम दिया कि अगर भाजपा सरकार ने सीबीआई जांच नहीं करवाई गई तो प्रदेश का सबसे बड़ा आंदोलन होगा।

रविवार को जजपा के नेतृत्व में अनेक वर्तमान व सेवानिवृत कर्मचारी मतलोडा एकत्रित हुए और प्रदेश की भाजपा सरकार के खिलाफ हल्ला बोला। पार्टी की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष फूलवती व कर्मचारी प्रकोष्ठ के प्रदेशाध्यक्ष संजीव मंदोला ने संयुक्त रूप से हरियाणा रोडवेज की किलोमीटर स्कीम में बड़े स्तर पर घोटाले का आरोप लगाते हुए मुख्यमंत्री मनोहर लाल व परिवहन मंत्री कृष्ण लाल पंवार को जिम्मेदार ठहराते हुए दोनों के इस्तीफे देने की मांग की।

घोटाले की सीबीआई से जांच की मांग करते हुए उन्होंने आरोप लगाया कि परिवहन मंत्री व बड़े स्तर के अधिकारियों द्वारा सीएम की नाक के नीचे और उनकी सहमती से 1000 करोड़ रूपये का घोटाला किया है। उन्होंने कहा कि सरकार हरियाणा रोडवेज का निजीकरण करने पर तुली हुई है। परिवहन विभाग को घाटे में दिखाकर इसे अपने आदमियों के हाथों बेचने का प्रयास कर रही है। पिछले 15 साल से लगातार हरियाणा रोडवेज देश में नंबर वन पर है। परिवहन विभाग की जिस किलोमीटर स्कीम को महकमे के मंत्री और सीनियर अफसर पारदर्शी बताते हुए लागू करने का दबाव बना रहे है, उसमें बड़ा घोटाला उजागर हुआ है। खुद सीएम मनोहरलाल खट्टर ने कर्मचारी संगठनों के साथ बैठक के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में भी यह स्वीकार किया है, जिसकी तुरंत सीबीआई होनी चाहिए।

जजपा नेताओं ने कहा कि प्रदेश की भाजपा सरकार ने हरियाणा रोडवेज में निजी बसों को शामिल करने की पॉलिसी को सिर्फ अपने चहेतों को फायदा पहुंचाने और अपनी जेब भरने के लिए लागू किया है। स्वयं सीएम मनोहर लाल व परिवहन मंत्री कृष्ण पंवार द्वारा पॉलिसी को मंजूर करते हुए निजी बसों का टेंडर जारी करवाया गया था जो स्टेट विजीलेंस की जांच में भी सामने आ गया है कि निजी बसों को लेकर सरकार की मंशा कुछ अलग थी। मंदोला ने कहा कि हाई प्रचेज कमेटी की बजाए सरकार ने अपने स्तर पर पॉलिसी को मंजूरी देते हुए रोडवेज को खत्म करने की साजिश रची गई है।

प्रदर्शनकारियों ने प्रदेश सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए परिवहन मंत्री के निवास का घेराव के लिए कूच लिया। प्रदर्शन को देखते हुए प्रशासन द्वारा पहले ही पुख्ता प्रबंध किए हुए थे। पुलिस फोर्स ने मंत्री के आवास का घेराव करने पहुंचे प्रदर्शनकारियों को बीच रास्ते में ही बेरीकेटस लगाकर रोक दिया। काफी देर तक हंगामा होता रहा और कार्यकत्र्ता मंत्री निवास का घेराव करने पर अड़े रहे। प्रदर्शनकारियों व पुलिस के बीच काफी देर तक धक्का-मुक्की भी हुई। काफी देर बाद तहसीलदार मौके पर पहुंचे और नेताओं से बातचीत करते हुए उनका ज्ञापन लिया।

इस दौरान पूर्व विधायक रमेश खटक, जिला अध्यक्ष सुरेश काला, देवेंद्र कादयान व सरपंच सुरेंद्र धोला आदि नेताओं ने भी संबोधित किया। इस अवसर पर हल्काध्यक्ष सरदार गुरुचरण, कर्मचारी प्रकोष्ठ के जिलाध्यक्ष सोहनलाल, ब्रहमपाल रावल, मनोज जौरासी, कुलदीप धिमाणा, मास्टर महिपाल, अजय बिंझौल, सुभाष शर्मा, सुरेश भट्टी, बलवान बाल्मीकि, जयदेव नोल्था, प्रताप सूबेदार, मास्टर अजमेर, टीपू पोडिय़ा, धर्मवीर राठी, सरिता, नरसी नाहरा आदि अनेक नेता व कार्यकर्ता उपस्थित थे।

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