सत्य खबर, दिल्ली
महिलाओं के आरक्षण पर सुप्रीम कोर्ट ने एक अहम फैसला दिया है। यह फैसला उत्तर प्रदेश सिपाही भर्ती से जुड़ा हुआ है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि अगर कोई आरक्षित वर्ग की महिला सामान्य वर्ग के लिए तय कटआफ अंक से ज्यादा लाती है तो उसे सामान्य वर्ग में जाने का हक है। यानी वह महिला उम्मीदवार सामान्य वर्ग में गिनी जाएगी उसे आरक्षित वर्ग में नहीं गिना जाएगा।
शीर्ष अदालत ने फैसले में कहा कि ओपन (सामान्य) कैटेगरी सभी के लिए है उसमें आरक्षित वर्ग के लोग भी आते हैं और ओपेन कैटेगरी में सिर्फ मेरिट ही आधार होता है। शीर्ष अदालत ने महिलाओं के मामले में वर्टिकल यानी सामाजिक पिछड़ेपन के आधार पर आरक्षण और हारिजेंटल यानी महिला, भूतपूर्व सैनिक आदि को दिए जाने वाले विशेष आरक्षण के फंसे पेच को सुलझाते हुए यह व्यवस्था दी है।
राज्य सरकार का कहना है कि महिलाओं का कोटा सामान्य वर्ग से ही भर गया है इसलिए इन्हें नियुक्ति नहीं दी जा सकती। मखीजा का कहना था कि जब आरक्षित श्रेणी के पुरुषों को समान्य श्रेणी की मेरिट में स्थान पाने पर समान्य वर्ग में गिना जाता है तो महिलाओं के साथ भी यही होना चाहिए।
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