सत्य खबर, नई दिल्ली। सुल्ली डील ऐप मामले में विशेष समुदाय की महिलाओं की नीलामी के लिए मॉर्फ की गई तस्वीरों को अपलोड करने के लिए करीब 30 ट्विटर हैंडल का इस्तेमाल किया गया था. इंदौर से गिरफ्तार किए गए केस के मास्टरमाइंड 26 वर्षीय के ओमकारेश्वर ठाकुर से दिल्ली पुलिस की पूछताछ में यह खुलासा हुआ है. मास्टरमाइंड 26 वर्षीय के ओमकारेश्वर ठाकुर ने पुलिस पूछताछ में बताया कि खास समुदाय की महिलाओं की कथित ‘नीलामी’ के लिए मॉर्फ की गई तस्वीरों को अपलोड करने के लिए करीब 30 ट्विटर हैंडल का इस्तेमाल किया गया था.हालांकि आरोपी ने अपने लैपटॉप से कंटेंट को डिलीट कर दिया है.
हिंदुस्तान की रिपोर्ट के अनुसार, पुलिस पूछताछ में सुल्ली डील ऐप मामले के मास्टरमाइंड 26 वर्षीय के ओमकारेश्वर ठाकुर से पूछताछ में पता चला कि ठाकुर अपनी खुद की वेब डिजाइनिंग फर्म भी चलाता था और अमेरिका में भी उसके क्लाइंट्स थे. पुलिस ने बुल्ली बाई ऐप मामले में असम से दबोचे गए नीरज बिश्नोई के मोबाइल फोन और सुल्ली बाई ऐप मामले के आरोपी ठाकुर के लैपटॉप को जांच के लिए नेशनल फोरेंसिक साइंस लैब भेज दिया है. पुलिस डेटा रिकवर करने की कोशिश कर रही है. इसके अलावा सुल्ली डील मामले में पुलिस अब उन लोगों की तलाश कर रही है जो इन फर्जी ट्विटर हैंडल का इस्तेमाल कर रहे थे.
दिन में सोना रात में काम करता था मासटरमाइंड ठाकुर, परिजनों को नहीं हुआ शक
रिपोर्ट के अनुसार, सुल्ली डील ऐप मामले की जांच में जुटी पुलिस ने यह भी बताया कि ओमकारेश्वर ठाकुर के परिजनों से पूछताछ करने पर यह पता चला कि आरोपी ठाकुर दिन में सोता था और रात में काम करता था. जब उसके पिता ने इसका कारण पूछा तो उसने बताया कि भारत और अमेरिका में टाइम में अंतर होने की वजह से वो दिन में सोता है, क्योंकि उसके ज्यादातर क्लाइंट अमेरिका के हैं. इसलिए उसके परिजनों ने उस पर कभी शक नहीं किया.
गिटहब पर डेवलप किया कोड
सुल्ली डील ऐप मामले में जुलाई 2021 में केस दर्ज किया गया था. डीसीपी केपीएस मल्होत्रा के मुताबिक शुरुआती पूछताछ में आरोपियों ने यह माना है कि वो ट्विटर पर एक ऐसे ग्रुप का हिस्सा थे, जहां खास समुदाय की महिलाओं को अपमानित और ट्रोल करने का आइडिया शेयर किया गया था. डीसीपी ने बताया कि उन्होंने इसके बाद गिटहब पर एक कोड डेवलप किया. इससे गिटहब का एक्सेस ग्रुप के सभी सदस्यों को दिया गया. आरोपी ने ट्विटर अकाउंट पर ऐप का लिंक भी शेयर किया था. महिलाओं की तस्वीरें ग्रुप के सदस्य ही अपलोड करते थे. अबतक की जांच में ये भी पता चला है कि आरोपी ने जनवरी 2020 में ‘Tradmahasabha’ नाम से ट्विटर पर ग्रुप को जॉइन किया था. इसके लिए उसने @gangescion नाम से ट्विटर हैंडल बनाया था. पुलिस के अनुसार, विशेष समुदाय की महिलाओं की नीलामी के लिए मॉर्फ की गई तस्वीरों को अपलोड करने के लिए करीब 30 ट्विटर हैंडल का इस्तेमाल किया गया था.
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